कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि वह एक बार फिर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनेंगे। अब उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘आप जो चाहें सोच सकते हैं लेकिन मैंने कहा कि हम अगले चुनाव में फिर से सत्ता में आएंगे।‘
एएनआई के मुताबिक, रिपोर्टर ने सिद्धारमैया से पूछा कि आप मुख्यमंत्री बनेंगे? इस पर उन्होंने कहा, ‘अगर लोगों का आशीर्वाद होता है तो..उस कार्यक्रम में उन्होंने मांग रखी। मैंने कहा कि हम मांगों को पूरा करेंगे अगर अगले चुनाव में सत्ता में आए।‘
क्या कहा था सिद्धारमैया ने
रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धारमैया ने कहा था कि जनता के आशीर्वाद से फिर कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हासन में एक सभा को संबोधित करते हुए गुरुवार को सिद्धारमैया ने दावा किया कि विपक्ष ने एकजुट होकर उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में जाति और पैसे का बोलबाला हो गया है। सिद्धारमैया ने कहा, 'मैने सोचा कि जनता मुझे फिर से आशीर्वाद देकर मुख्यमंत्री बनाएगी लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। हालांकि यह अंत नहीं है, राजनीति में हार और जीत आम बात है।'
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने दी प्रतिक्रिया
कर्नाटक में कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी से सिद्धारमैया के बयान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी। कुमारस्वामी ने कहा, 'लोकतंत्र है, कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है। यह पूरी तरह लोकतांत्रिक है।'
जेडीएस ने कहा- सिद्धारमैया की बारी पांच साल बाद आएगी
जेडीएस ने सिद्धारमैया के बयान पर कहा, “आपकी (सिद्धारमैया) बारी पांच साल बाद आएगी।” जेडीएस के प्रवक्ता दानिश अली ने कहा, “सिद्धारमैया के बयान से सहमत हूं। वह पांच साल बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।”
पहले भी आती रही हैं मतभेद की खबरें
फिलहाल कर्नाटक में जेडी (एस) और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। हालांकि सूबे में गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही दोनों दलों के बीच मतभेद की बातें सामने आती रही हैं। माना जा रहा है कि सिद्धारमैया खेमे के कुछ विधायक इस खींचतान के लिए जिम्मेदार हैं। सरकार बनने के बाद मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर भी मतभेद की खबरें सामने आई थीं।
23 मई को कुमारस्वामी ने कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली थी
23 मई को एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी ने पहले सरकार बनाई थी, लेकिन सदन में बहुमत परीक्षण में जरुरी नंबर नहीं होने की वजह से बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था।
जब छलका था कुमारस्वामी का दर्द
इससे पहले जुलाई में कुमारस्वामी ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में यह कहकर सबको चौंका दिया था कि वो 'गठबंधन की सरकार' का दर्द झेल रहे हैं। उन्होंने मंच पर भावुक होते हुए कहा, 'आप मुझे शुभकामनाएं देने के लिए गुलदस्ते लेकर आए हैं। आपका एक भाई मुख्यमंत्री बन गया है, इसलिए आप सभी खुश हैं, लेकिन मैं नहीं। मैं गठबंधन सरकार के दर्द को जानता हूं। मैं विषकांत (विष पीने वाला) हो गया हूं और इस सरकार का विष पी रहा हूं।'