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तकनीकी खराबी या मानवीय भूल: जाने कैसे हुई है भारत में पिछली 5 विमान घटनाएं?

भारत में हवाई यात्रा की बढ़ती लोकप्रियता के साथ विमानन सुरक्षा हमेशा चर्चा में रही है। पिछले कुछ...
तकनीकी खराबी या मानवीय भूल: जाने कैसे हुई है भारत में पिछली 5 विमान घटनाएं?

भारत में हवाई यात्रा की बढ़ती लोकप्रियता के साथ विमानन सुरक्षा हमेशा चर्चा में रही है। पिछले कुछ वर्षों में हुए पांच प्रमुख विमान हादसों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल और जांच प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं। ये हादसे न केवल तकनीकी खामियों और मानवीय भूलों का परिणाम रहे, बल्कि इन्होंने विमानन नियामक (DGCA) और एयरलाइंस की जिम्मेदारियों को भी उजागर किया। आइए, इन हादसों, उनके कारणों, स्थानों और सुरक्षा उपायों पर नजर डालें।

अहमदाबाद एयर इंडिया हादसा (12 जून 2025)

गुजरात के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो लंदन गैटविक जा रही थी, टेकऑफ के तुरंत बाद मेघानीनगर के रिहायशी इलाके में क्रैश हो गई। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में 242 लोग सवार थे। शुरुआती जांच में इंजन में तकनीकी खराबी और संभावित पायलट त्रुटि की बात सामने आई है। भरे हुए ईंधन टैंक के कारण आग तेजी से फैली, जिसने बचाव कार्य को जटिल बनाया। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशनऔर बोइंग की टीमें जांच कर रही हैं। हताहतों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों ने बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कोझिकोड एयर इंडिया एक्सप्रेस हादसा (7 अगस्त 2020)

केरल के कोझिकोड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX1344, दुबई से आ रही थी, जब लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसलकर एक घाटी में गिर गई। बोइंग 737 में 190 लोग सवार थे, जिसमें 21 की मौत हुई। जांच में पाया गया कि भारी बारिश और पायलट का रनवे पर देर से टचडाउन मुख्य कारण थे। टेबलटॉप रनवे की चुनौतियों और अपर्याप्त मौसम पूर्वानुमान ने स्थिति को और गंभीर बनाया। इस हादसे ने रनवे सुरक्षा क्षेत्र और पायलट प्रशिक्षण पर सवाल उठाए।

मंगलुरु एयर इंडिया एक्सप्रेस हादसा (22 मई 2010)

कर्नाटक के मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX812, दुबई से आते समय रनवे से आगे निकल गई और खाई में गिरकर आग की चपेट में आ गई। बोइंग 737-800 में 166 लोग सवार थे, जिसमें 158 की मौत हुई। जांच में पायलट की थकान और गलत लैंडिंग तकनीक को जिम्मेदार ठहराया गया। मंगलुरु का टेबलटॉप रनवे और रनवे के अंत में बफर जोन की कमी ने हादसे को और घातक बनाया। इसने DGCA को टेबलटॉप रनवे के लिए विशेष दिशानिर्देश लागू करने के लिए मजबूर किया।

पटना एलायंस एयर हादसा (17 जुलाई 2000)  

बिहार के पटना हवाई अड्डे के पास एलायंस एयर की फ्लाइट CD7412, कोलकाता से दिल्ली जा रही थी, जब लैंडिंग से पहले एक रिहायशी इलाके में क्रैश हो गई। बोइंग 737-200 में 58 लोग सवार थे, जिसमें 51 यात्रियों और 5 जमीन पर मौजूद लोगों की मौत हुई। जांच में पायलट की स्थिति जागरूकता की कमी और खराब मौसम को कारण बताया गया। पुराने विमान और अपर्याप्त रखरखाव भी इस हादसे में योगदानकर्ता थे। इसने विमान रखरखाव नियमों को और सख्त करने की मांग को बल दिया।

5. मुंबई एयर इंडिया हादसा (1 जनवरी 1978)

मुंबई के जुहू तट के पास एयर इंडिया की फ्लाइट AI855, दुबई जा रही थी, जब टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद समुद्र में क्रैश हो गई। बोइंग 747 में 213 लोग सवार थे, और सभी की मौत हो गई। जांच में पायलट की गलती और उपकरणों की खराबी को जिम्मेदार ठहराया गया, खासकर एयरस्पीड इंडिकेटर की गलत रीडिंग ने भ्रम पैदा किया। इस हादसे ने कॉकपिट रिसोर्स मैनेजमेंट और उड़ान सिमुलेटर प्रशिक्षण की जरूरत को रेखांकित किया।

 

 

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