महाराष्ट्र सरकार ने एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी के कायाकल्प के लिए महत्वाकांक्षी ‘धारावी पुनर्विकास परियोजना’ के मास्टर प्लान को 28 मई 2025 को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना पर मुहर लगाई गई, जिसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इस योजना को ‘नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड’ (NMDPL) नामक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिसमें अदाणी समूह की 80% हिस्सेदारी है और महाराष्ट्र सरकार की स्लम पुनर्वास प्राधिकरण की 20%। यह परियोजना न सिर्फ धारावी को आधुनिक शहरी केंद्र में बदलने की कोशिश है, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि यहां के हर पात्र निवासी को पुनर्वास के तहत पक्का घर मिले।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुनर्विकास के दौरान धारावी की अद्वितीय आर्थिक और सामाजिक संरचना को संरक्षित किया जाए। स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्योगों का पुनर्वास प्राथमिकता में रखा जाएगा, क्योंकि धारावी न केवल एक रिहायशी इलाका है, बल्कि एक बड़ा आर्थिक केंद्र भी है।
मास्टर प्लान के अनुसार, धारावी की सड़कों का जाल पूरी तरह से बदला जाएगा। हर 125 मीटर पर 9-12 मीटर चौड़ी सड़कें बनाई जाएंगी, जिससे क्षेत्र में आवाजाही, पैदल चलना और ट्रांजिट कनेक्टिविटी बेहतर होगी। यह संकरे गलियों वाली धारावी को आधुनिक सड़क नेटवर्क में बदलेगा।
इसके साथ ही धारावी को एक प्रमुख मेट्रो इंटरचेंज के रूप में विकसित किया जाएगा। मौजूदा मेट्रो लाइन 3 के अलावा यहां मेट्रो लाइन 11 को भी जोड़ा जाएगा, जिससे धारावी सीधे मुंबई के बाकी हिस्सों से जुड़ सकेगा और यात्रा का समय भी घटेगा।
यह परियोजना पर्यावरण के लिहाज़ से भी सतत विकास पर जोर देगी, जिसमें ग्रीन ज़ोन, ऊर्जा दक्ष भवन और ईको-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। धारावी के कायाकल्प के साथ मुंबई को एक नया शहरी मॉडल मिलने जा रहा है जो सामाजिक न्याय और शहरी नियोजन का उदाहरण बनेगा।