औरंगजेब, उसके बेटे आजम शाह, निजाम आसफ जाह और कई अन्य लोगों की कब्रें इस इलाके में स्थित हैं।
शिरसाट ने पिछले महीने कहा था कि छत्रपति संभाजी महाराज को प्रताड़ित करने और उन्हें मार डालने वाले क्रूर सम्राट औरंगजेब की कब्र के लिए महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं है।
शिरसाट ने सप्ताहांत में यहां पत्रकारों से कहा कि छत्रपति संभाजीनगर को पहले खड़की के नाम से जाना जाता था और बाद में इसका नाम बदलकर औरंगाबाद कर दिया गया।
शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘इसी तरह खुल्दाबाद को पहले रत्नापुर के नाम से जाना जाता था। औरंगजेब के शासनकाल में कई जगहों के नाम बदले गए थे। हम खुल्दाबाद का नाम बदलकर रत्नापुर करने जा रहे हैं।’’
छत्रपति संभाजीनगर जिले के संरक्षक मंत्री ने कहा, ‘‘हम उन सभी जगहों के नाम बदलने की प्रक्रिया में हैं जिनके नाम में ‘बाद’ (जैसे औरंगा‘बाद’) है। औरंगजेब के शासनकाल में रत्नापुर का नाम बदलकर खुल्दाबाद कर दिया गया था।’’
शिरसाट ने कहा कि सरकार वहां (खुल्दाबाद में) एक स्मारक बनाना चाहती है जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके पुत्र संभाजी महाराज के इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा।