दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह मच्छरों के प्रजनन के दोषी पाए जाने वालों के लिए जुर्माना लगाने के प्रस्ताव की गंभीरता से जांच करे और जुर्माने की रकम 5,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली पीठ, जो शहर में बड़े पैमाने पर मच्छरों के प्रजनन से संबंधित अपने मामले की सुनवाई कर रही थी, ने शहर सरकार से इन पहलुओं की उच्चतम स्तर पर जांच करने और अपना रुख बताने को कहा।
अदालत ने कहा कि यदि मौके पर ही जुर्माना नहीं लगाया जाता है तो एक निवारक के रूप में जुर्माना लगाने की प्रणाली की प्रभावशीलता पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी और केवल उल्लंघन करने वालों का चालान करने से ही अदालतों में ऐसे मामलों का विस्फोट होगा।
इसने आगे कहा कि नगर निगमों ने जहां जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने और मौके पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया था। वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने बताया कि जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।