बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा देने पर सीपीएम नेता वृंदा करात ने कहा, 'सैद्धांतिक रूप से मैं मौत की सजा के खिलाफ हूं। मौत की सजा का प्रावधान तो पहले से ही 'रेयरिस्ट ऑफ दे रेयर' मामलों में है। असल में मुद्दा है कि सरकार के कुछ सदस्य रेपिस्ट को बचा रहे हैं और उन रेपिस्ट रक्षकों के खिलाफ सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए।'
सीपीएम नेता और राज्यसभा सांसद वृंदा करात ने कहा कि मुद्दे को भटकाने के लिए सरकार इस अध्यादेश को लाने की कोशिश कर रही है। इसकी विश्वसनीयता को लेकर मुझे शक है। हम निश्चित सजा चाहते हैं। ये मुद्दा उन मुद्दों की बात नहीं कर रहा जो भारतीयों के दिमाग को उत्तेजित कर रहा है।
In principle, CPM is against death penalty. The death penalty is already there in rarest of rare cases. The actual issue is that some members of govt are supporting rapists. There should be a penalty against 'rapist rakhsaks': Brinda Karat, CPM on the ordinance to amend POCSO Act pic.twitter.com/ZPV9oY6Opq
— ANI (@ANI) April 21, 2018
गौरतलब है कि देश में नाबालिगों के साथ बढ़ती अपराध की घटनाओं के तहत शनिवार को केंद्रीय कैबिनेट ने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेसेंस एक्ट (पॉक्सो) में संसोधन को मंजूरी दी गई तथा कानून में सख्त कदम उठाए जाने पर बल दिया गया। खासतौर पर 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप के दोषी को सजा बढ़ाने का प्रावधान किया गया और 12 साल तक बच्चियों के दोषी को अधिकतम मौत की सजा देने का फैसला लिया गया। इस सजा में संसोधन के लिए अध्यादेश लाए जाने की मंजूरी दी गई।