स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने परमाणु हथियारों की संख्या और मिसाइल तकनीक में पाकिस्तान पर महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली है। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव, विशेष रूप से अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, वैश्विक चिंता का कारण बने हैं।
सिपरी के अनुमान के अनुसार, भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 हैं। यह पहली बार है जब 15-20 वर्षों में भारत ने परमाणु हथियारों की संख्या में पाकिस्तान को पीछे छोड़ा है। भारत की अग्नि-5 मिसाइल, जो 5,000 किलोमीटर की रेंज वाली है और मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस होने की संभावना है, ने इसे रणनीतिक रूप से मजबूत बनाया है। यह तकनीक एक मिसाइल से कई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्रदान करती है।
दूसरी ओर, पाकिस्तान 170 परमाणु हथियारों के साथ शाहीन-III (2,750 किमी रेंज) और बाबर क्रूज मिसाइल पर निर्भर है। सिपरी ने नोट किया कि पाकिस्तान अल्प-रेंज की टैक्टिकल परमाणु हथियारों पर ध्यान दे रहा है, जो युद्धक्षेत्र में उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। उसकी अस्पष्ट परमाणु नीति भारत की "नो फर्स्ट यूज़" (NFU) नीति के विपरीत है, जो केवल जवाबी हमले की बात करती है।
हाल के तनाव, जिसमें भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले किए, ने परमाणु युद्ध की आशंका को बढ़ाया। पाकिस्तान ने Fatah-II मिसाइल (400 किमी रेंज) दागी, जिसे भारत ने हरियाणा के सिरसा में रोक लिया। भारत ने ब्रह्मोस, SCALP, और HAMMER मिसाइलों से जवाबी हमले किए, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ।
सिपरी ने चेतावनी दी कि दोनों देशों के परमाणु शस्त्रागार और क्षेत्रीय अस्थिरता वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। भारत की तकनीकी प्रगति और रणनीतिक नीति इसे क्षेत्रीय शक्ति के रूप में मजबूत करती है, जबकि पाकिस्तान की परमाणु धमकियां उसकी पारंपरिक सैन्य कमजोरियों को दर्शाती हैं।