मोदी ने यह भी कहा ‘‘यह शोध प्रतिशोध का खेल नहीं, यह न्याय का नया स्वरूप है। यह ऑपरेशन सिंदूर है। यह सिर्फ आक्रोश नहीं है, बल्कि यह समर्थ भारत का रौद्र रूप है। यह भारत का नया स्वरूप है।’’

उन्होंने कहा कि परमाणु बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘पाकिस्तान के साथ न ट्रेड (व्यापार) होगा न टॉक (वार्ता)। बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की।’’

बीकानेर दौरे पर आए मोदी ने पलाना (देशनोक) में सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर हमारी बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया था। वह गोलियां तो पहलगाम में चली थीं लेकिन उन गोलियों से 140 करोड़ देशवासियों का सीना छलनी हुआ था। इसके बाद हर देशवासी ने एक जुट होकर संकल्प लिया था कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे। उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा देंगे।’’

मोदी ने कहा, ‘‘आज आपके आशीर्वाद से, देश की सेना के शौर्य से, हम सब उस प्रण पर खरे उतरे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद हमारी सरकार ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी थी और तीनों सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया।

भारत ने पहलगाम हमले के बाद छह-सात मई की रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की इन करतूतों का माकूल जवाब दिया।

दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।

मोदी ने कहा, ‘‘22 तारीख (अप्रैल) के हमले के जवाब में हमने 22 मिनट में आतंकियों के नौ सबसे बड़े ठिकाने तबाह कर दिए।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया ने ....और देश के दुश्मनों ने भी देख लिया कि जब सिंदूर बारूद बन जाता है तो नतीजा क्या होता है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘मैं देशवासियों से कहता हूं जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया है। जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे, (उनसे) आज कतरे कतरे का हिसाब चुकाया है। जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, आज मलबे के ढेर में दबे हुए हैं।’’

उन्होंने कहा ‘‘यह शोध प्रतिशोध का खेल नहीं, यह न्याय का नया स्वरूप है। यह ऑपरेशन सिंदूर है। यह सिर्फ आक्रोश नहीं है, बल्कि यह समर्थ भारत का रौद्र रूप है। यह भारत का नया स्वरूप है।’’

मोदी ने कहा कि पाकिस्तान, भारत से कभी सीधी लड़ाई जीत ही नहीं सकता। उन्होंने कहा ‘‘जब भी सीधी लड़ाई होती है तो बार बार पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ती है। इसलिए पाकिस्तान ने आतंकवाद को भारत के खिलाफ लड़ाई का हथियार बनाया है।’’

मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय कर दिए हैं। उन्होंने कहा ‘‘इनमें पहला सूत्र यह है कि भारत पर हमला हुआ तो करारा जवाब मिलेगा। समय व तरीका हमारी सेनाएं तय करेंगी और शर्तें भी हमारी होंगी।’’

उन्होंने कहा ‘‘दूसरा सूत्र यह है कि परमाणु बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है। तीसरा सूत्र है कि हम आतंक के आकाओं व आतंक की सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘पाकिस्तान के साथ न ट्रेड (व्यापार) होगा न टॉक (वार्ता)। बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की।’’

उन्होंने कहा कि अब भारत ने दो टूक साफ कर दिया है कि हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और यह कीमत...पाकिस्तान की सेना चुकाएगी... पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चुकाएगी।

प्रधानमंत्री ने इससे पहले अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का दौरा किया तथा बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। पलाना में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए आज देश में आधुनिक अवसंरचना तैयार करने का बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है।

उन्होंने कहा ‘‘आज भारत अपने ट्रेनों के नेटवर्क को भी आधुनिक कर रहा है और वंदे भारत ट्रेनें, अमृत भारत ट्रेनें, नमो भारत ट्रेनें देश की नई गति व नई प्रगति को दर्शाती हैं ।’’

उन्होंने कहा कि हमारे देश की सड़कें, हमारे हवाईअड्डे आधुनिक हों... हमारे यहां रेल और रेलवे स्टेशन आधुनिक हों, इसके लिए पिछले 11 साल में अभूतपूर्व गति से काम किया गया है।

इससे पहले बीकानेर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देशनोक में करणी माता मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। उनके साथ राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी थे।