प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी के सभी राष्ट्रीय और प्रांतीय प्रकोष्ठ भंग कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी पदाधिकारियों के पद भी खत्म कर दिए हैं। इतना ही नहीं शिवपाल ने प्रवक्ताओं की कमेटी भी भंग कर दी है। इसे शिवपाल यादव के अगले राजनीतिक कदम की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। शिवपाल ने पिछले दिनों कहा था कि वह 'उचित समय' जल्द आने वाला है, जिसका सबको इंतजार है।
पार्टी के महासचिव और शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ''प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष (शिवपाल यादव) के निर्देशानुसार प्रदेश कार्यकारिणी एवं राष्ट्रीय/प्रादेशिक प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी अध्यक्ष सहित संपूर्ण प्रवक्ता मंडल (कार्यवाहक मुख्य प्रवक्ता सहित) को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है।''
दरअसल हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भतीजे अखिलेश यादव से कड़वाहट भुलाकर समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने वाले शिवपाल यादव के भाजपा में जाने की अटकलें हैं। महज एक सीट मिलने को लेकर चुनाव के बीच ही अपना दर्द जाहिर करने वाले शिवपाल कह चुके थे कि वह जल्द फैसला लेंगे। सपा के टिकट पर विधायक बने शिवपाल को भतीजे अखिलेश ने कोई बड़ी जिम्मेदारी देने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि शिवपाल यादव ने अंबेडकर जयंती के अवसर पर समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की थी। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा था कि अब इसे लागू करने का सही वक्त आ गया है। कार्यक्रम में राष्ट्रीयता और समाजवाद विषय पर बोलते हुए शिवपाल यादव ने कहा था कि अंबेडकर और लोहिया दोनों ने समाजवाद की खुली पैरवी की थी। साथ ही, संविधान सभा में समान नागरिक संहिता की वकालत भी की थी।