पिछले चार साल में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का खेमा कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। 7 अप्रैल को मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल शिफ्ट किया गया। जहां उन्हें कड़ी सुरक्षा की बीच रखा गया है। हालही में चित्रकूट में हुई मुठभेड़ में उसके करीबी मेराज अली की भी हत्या हो गई। ऐसे में बिखरते साम्राज्य को देखते हुए मुख्तार के करीबी भी उसका साथ छोड़ रहे हैं।
अमर उजाला की खबर के अनुसार एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि एक तरह से कहा जाए तो इस वक्त मुख्तार के करीबी सिर्फ सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे हैं। पूरे इलाके में कभी जिस मुख्तार अंसारी के नाम पर सरकारें अपना निर्णय बदल लेती थी, आज उसका साम्राज्य ढ़ह रहा है।
पिछले चार सालों में मऊ सदर विधायक को जितनी चोट पहुंची है, उतनी इससे पहले कभी भी नहीं पहुंची होगी। उसके कई भरोसेमंद साथी पुलिस की मुठभेड़ में अपनी जान गवा चुके हैं। तो कई आपसी गैंगवार में मारे गए। जिसके बाद अब बचे हुए करीबी भी अपनी खैरियत के लिए उसका साथ छुड़ाने लगे है।
मुख्तार के इशारों पर चलने वाले अतुल राय
मुख्तार के इशारों पर पूर्वांचल के कई जिलों के मोबाइल टावर में तेल भराई का ठेका पट्टी देखने वाले वर्तमान के मऊ घोसी सांसद अतुल राय ने भी किनारा कर लिया है।
पूर्वांचल के कई इलाकों से कटा कनेक्शन
बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब में भी मुख्तार अपने नेटवर्क के कारण कई काम आसानी से कर लेता था, लेकिन अब वहां से भी निराशा हाथ लग रही है।
पांच मार्च 2016 को मुख्तार के करीबी पुष्पजीत सिंह उर्फ पीजे की गोलीमार कर हत्या कर दी गई थी। तब मुख्तार को सबसे बड़ा झटका लगा था। इतना ही नहीं माफिया मुन्ना बजरंगी की परछाई कहे जाने वाले विश्वेश्वरगंज निवासी मोहम्मद तारिक की भी एक दिसंबर 2017 को लखनऊ में बदमाशों ने गोलियों से छल्ली कर दिया था। साल भर के अंदर इन हत्याओं ने इलाके में हड़कंप मचा दिया था।
इन हत्याओं के बाद मुख्तार अपनों की जान बचाने की कवायद में जुटा ही था कि साल 2018 में बागपत जेल में पूर्वांचल के माफिया डान मुन्ना बजरंगी की भी हत्या हो गई थी। अपने सबसे करीबी की मौत ने अंसारी को अंदर से हिलाकर रख दिया था।
इसके बाद अंसारी मुख्तार अपनी सियासी रसूख का फायदा उठाकर जनवरी 2019 में पंजाब के रोपण जेल पहुंच गया। इसके बाद मुख्तार के कई खासमखास को पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया।