केंद्र सरकार की ओर से आज लिखित प्रस्ताव मिला, जिसें किसानों ने खारिज कर दिया है। प्रस्ताव में एमएसपी और एपीएमसी कानून में बदलाव की बातें है लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है तथा कृषि कानून वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने फैसला लिया है। किसानों ने कहा है कि 14 दिसंबर को देशभर में धरना दिया जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं और उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जयपुर-दिल्ली हाइवे को 12 दिसंबर तक रोका जाएगा। पूरे देश में आंदोलन होगा। सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा। 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे। दिल्ली की सड़कों को जाम करेंगे।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने कहा कि किसानों की समस्या को हल करने के प्रति मोदी सरकार का रवैया असंवेदनशील और हेकड़ी भरा है इसलिए सभी किसान संगठनों ने नए के रूप में दिये गये इस पुराने प्रस्ताव को नकार दिया है।
एआईकेएससीसी और सभी किसान संगठनों ने तीन खेती क कानून व बिजली बिल 2020 को रद्द करने की मांग दोहराई। विरोध जारी रहेगा, दिल्ली में किसानों की संख्या बढ़ेगी, सभी राज्यों में जिला स्तर पर धरने शुरु होंगे।
इससे पहले किसान संगठनों के एक प्रतिनिधि समूह को सरकार की ओर से एक प्रस्ताव मिला। प्रस्ताव मिलने के बाद किसान संगठनों ने बैठक की। मंगलवार देर रात 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात बेनतीजा रही। अचानक हुई बैठक में किसी हल की उम्मीद की जा रही थी लेकिन किसान नेता अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार की रात 13 संगठन नेताओं से मुलाकात के बाद कहा था कि सरकार किसानों द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक प्रस्ताव भेजेगी। बता दें किकिसान संगठनों की तरफ से मंगलवार को बुलाया गया भारत बंद शांतिपूर्ण रहा और इसका देशव्यापी असर देखने को मिला।
सरकार के प्रस्तावों में राज्य सरकार प्राइवेट मंडियों पर भी शुल्क/फीस लगा सकती है, राज्य सरकार चाहे तो मंडी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर सकती है, किसानों को कोर्ट कचहरी जाने का विकल्प भी दिया जाएगा, किसान और कंपनी के बीच कॉन्ट्रैक्ट की 30 दिन के अंदर रजिस्ट्री होगी, कॉन्ट्रैक्ट कानून में स्पष्ट किया जाना है कि किसान की जमीन या बिल्डिंग पर ऋण या गिरवी नहीं रख सकते, किसान की ज़मीन की कुर्की नहीं हो सकेगी, एमएसपी की वर्तमान खरीदी व्यवस्था के संबंध में सरकार लिखित आश्वासन देगी, बिजली बिल अभी ड्राफ्ट है तथा एनसीआर में प्रदूषण वाले कानून पर किसानों की आपत्तियों का समुचित समाधान किया जाना शामिल है।