उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पुलिस की कथित पिटाई से कानपुर के एक व्यवसायी मनीष गुप्ता की मौत हो गई। इस मामले में आरोप लग रहे हैं कि आरोपी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई के बजाए अफसर उन्हें बचाने में जुटे रहे। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। वायरल वीडियो में गोरखपुर के डीएम और एसएसपी कारोबारी मनीष की पत्नी और उनके घरवालों को मामला न दर्ज कराने की सलाह दे रहे हैं। उधर, गोरखपुर से शव कानपुर पहुंचने पर पुलिस को जोरदार विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है। अभी तक मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। जबकि कानपुर के पुलिस कमिश्नर और डीएम ने पीड़ित परिवार से बातचीत की है और कहा है कि परिवार गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेगा।
वायरल वीडियो में गोरखपुर के डीएम और एसएसपी कारोबारी मनीष की पत्नी और उनके घरवालों को केस न दर्ज कराने की सलाह दे रहे हैं। गोरखपुर के डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी डॉ. विपिन टाडा बीआऱडी मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी में एक बंद कमरे में पीड़ित परिवार से एफआईआर नहीं करवाने की बात कह रहे हैं। वीडियो में अधिकारी परिवार को समझ रहा है कि एफआईआर दर्ज होने पर पुलिसवालों का परिवार बर्बाद हो जाएगा। उन्हें एफआईआर नहीं करने के लिए नौकरी का प्रलोभन भी दिया जा रहा है। मगर मृतक की पत्नी मौत के बदले सजा की बात पर अड़ी हुई हैम वीडियो में ये भी कहते हुए सुना जा सकता है कि मुकदमें तो लंबे चलते हैं। उन्हें न्याय नहीं मिल पाएगा।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी का वीडियो वायरल हुए था, जिसमें में वो अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगा रही हैं। मृतक कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमारा सहयोग किया है। हमारी एफआईआर दर्ज़ नहीं हो रही थी उन्होंने हमारा केस दर्ज़ कराया है।" उन्होंने कहा कि जिस होटल में उनके पति की हत्या हुई उस होटल का लाइसेंस रद्द होना चाहिए और सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि होटल का मालिक फिर से कहीं और होटल ना बनाए। मैं होटल के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज़ करूंगी। होटल का मालिक अच्छा नहीं है। होटल का मालिक हमारे साथ सहयोग नहीं कर रहा है।
गौरतलब है कि सोमवार रात रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में एक होटल में कानपुर निवासी 36 साल के रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों प्रदीप और हरी चौहान के साथ रुके थे। देर रात पुलिस होटल में चेकिंग के लिए पहुंची थी। इस दौरान यह पाया गया कि तीन लोग गोरखपुर के सिकरीगंज स्थित महादेवा बाजार के निवासी चंदन सैनी के पहचान पत्र के आधार पर एक कमरे में ठहरे हुए हैं। संदेह होने पर पूछताछ के दौरान कथित रूप से पुलिस की ओर से पिटाई के बाद घायल मनीष की संदिग्ध हालात में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी।
बहरहाल , इस मामले में आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में तीन पुलिसकर्मियों समेत 6 के विरुद्ध गोरखपुर के रामगढ़ताल में केस दर्ज किया गया है। हत्या के मामले में एसओ जेएन सिंह, उपनिरीक्षक अक्षय मिश्रा, उपनिरीक्षक विजय यादव और 3 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।