मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के अलावा गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में स्वयं को प्रस्तुत कर जनता से मार्मिक अपील की। शुक्रवार को अपने सरकारी आवास से उन्होंने कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए इस बड़े आयोजन को संपन्न कराना चाहती है सरकार। आमजन अपने घर में रहकर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को लाइव देखें। 4 और 5 को घरों में देव मंदिरों में दीप जलाएं, अखंड रामायण का पाठ करें।
सीएम योगी ने कहा कि वर्षों तक राजनीतिक उपेक्षा के भंवर जाल में उलझी रही अवधपुरी, आध्यात्मिक और आधुनिक संस्कृति का नया प्रमिमान बनकर उभरेगी। यहां रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। विगत तीन वर्षों में विश्व ने अयोध्या की भव्य दीपावली देखी है, अब यहां धर्म और विकास के समन्वय से हर्ष की सरिता और समृद्धि की बयार बहेगी।
उन्होने कहा कि निश्चित रूप से 05 अगस्त को श्रीअयोध्या जी में आयोजित भूमिपूजन/शिलान्यास कार्यक्रम में सहभागिता हेतु प्रभु श्रीराम के असंख्य अनन्य भक्तगण परम् इच्छुक होंगे, किन्तु, वर्तमान वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा। इसे प्रभु इच्छा मानकर सहर्ष स्वीकार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सवा सौ करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं के प्रतिबिंब हैं, वह स्वयं भूमिपूजन/शिलान्यास करेंगे यह प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का क्षण होगा। प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही देश और दुनिया लगभग पांच शताब्दी बाद इस शुभ मुहूर्त का अहसास कर पा रहा है।
5 अगस्त, 2020 को भूमिपूजन/शिलान्यास न केवल मंदिर का है वरन्, एक नए युग का भी है। यह नया युग प्रभु श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप नए भारत के निर्माण का है। यह युग मानव कल्याण का है। यह युग लोककल्याण हेतु तपोमयी सेवा का है। यह युग रामराज्य का है।
भाव-विभोर करने वाले इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रत्येक देशवासी का मन प्रफुल्लित होगा, हर्षित-मुदित होगा। किन्तु स्मरण रहे, प्रभु श्री राम का जीवन हमें संयम की शिक्षा देता है। इस उत्साह के बीच भी हमें संयम रखते हुए वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत शारीरिक दूरी बनाये रखना है क्योंकि यह भी हमारे लिए परीक्षा का क्षण है।
योगी ने अपील करते हुए कहा कि विश्व के किसी भी भाग में मौजूद समस्त श्रद्धालु जन 04 एवं 05 अगस्त, 2020 को अपने-अपने निवास स्थान पर दीपक जलाएं, पूज्य सन्त एवं धर्माचार्यगण देवमंदिरों में अखण्ड रामायण का पाठ एवं दीप जलाएं। निर्माण का स्वप्न पालकर पवित्र तप करने वाले तथा ऐसे ऐतिहासिक क्षण का प्रत्यक्ष किये बिना गोलोक पधार चुके अपने पूर्वजों का स्मरण करें और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें। पूर्ण श्रद्धाभाव से प्रभु श्रीराम का स्तवन करें। प्रभु श्रीराम का आशीष हम सभी पर बना रहेगा।