उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मंगलवार को बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलन का समापन कार्यक्रम हुआ, जिसमें पार्टी प्रमुख मायावती ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अपने संबोधन में मायावती ने कई वादे किए जिसमें सरकार बनने पर नई मूर्तियां, प्रतिमाएं ना लगाना, नए कृषि कानूनों को लागू ना होने देना प्रमुख था। इसके साथ-साथ मायावती ने ब्राह्मण समाज से वादा किया कि सरकार बनने पर उनको पूरी सुरक्षा दी जाएगी।
मायावती ने कहा कि मुझे कल मीडिया के ज़रिए मालूम हुआ है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक ही हैं। मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि एक ही हैं तो आरएसएस की बीजेपी हर स्तर पर मुसलमानों के साथ सौतेला रवैया क्यों अपना रही है।
बसपा अध्यक्ष मयावती ने कहा कि ब्राम्हण समाज के लोग भी कहने लगे हैं कि, हमने बीजेपी के प्रलोभन भरे वादों के बहकावे में आकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर बहुत बड़ी गलती की है। बसपा की रही सरकार ने ब्राम्हण समाज के लोगों के सुरक्षा, सम्मान, तरक्की के मामले में हर स्तर पर अनेको ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
मायावती ने आगे कहा कि यूपी में अब नए स्मारक, मूर्ति बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह बोलीं, 'जब आगे सरकार बनेगी तो ताकत नए स्मारक, मूर्ति पर नहीं लगाऊंगी। पूरी ताकत यूपी की तस्वीर बदलने पर लगाऊंगी। लेकिन कुछ धर्म-जाति के लोग चाहते हैं कि अगर उनके संत, गुरुओं का आदर सम्मान करें तो ऐसा जरूर किया जाएगा।
बसपा प्रमुख ने कहा कि दलित वर्ग के लोगों पर शुरू से गर्व रहा है कि उन्होंने बिना गुमराह और बहकावे में आए कठिन से कठिन दौर में भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। ये लोग मज़बूत चट्टान की तरह पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। उम्मीद है कि बसपा से जुड़े अन्य सभी वर्गों के लोग इनकी तरह आगे कभी गुमराह नहीं होंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ के पार्टी कार्यालय में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में हिस्सा लिया और ये बाते कहीं। इस कार्यक्रम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे।