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कासगंज: पुलिस हिरासत में युवक की मौत पर सियासी घमासान, यूपी के मंत्री बोले- 'अखिलेश को टोंटी का बड़ा ज्ञान'

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक 22 वर्षीय युवक ने मंगलवार को एक पुलिस स्टेशन में कथित तौर पर खुद को...
कासगंज: पुलिस हिरासत में युवक की मौत पर सियासी घमासान, यूपी के मंत्री बोले- 'अखिलेश को टोंटी का बड़ा ज्ञान'

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक 22 वर्षीय युवक ने मंगलवार को एक पुलिस स्टेशन में कथित तौर पर खुद को फंसी लगा कर आत्महत्या कर ली। युवक की मौत के बाद पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस का दावा है कि उसने थाने के वॉशरूम में अपनी जैकेट की डोरी को नल से बांधकर खुद का गला घोंटने की कोशिश की, इस कोशिश के दौरान उसकी मौत हो गई। युवक की मौत के बाद उसके परिवारवालों का कहना है कि वह आत्महत्या नहीं कर सकता पुलिस हिरासत के दौरान उसके साथ कुछ गलत हुआ है। परिवार सीधे तौर पर पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रही हैं। इस पूरे मामले को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है।

पुलिस की 'टोंटी से फांसी' लगाने की थ्योरी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी बीजेपी को निशाने पर लिया है। इसके बाद अब यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश को टोंटी का बड़ा ज्ञान है।

थाने में युवक की मौत के सवाल पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आजतक से कहा, 'एक प्रक्रिया की तहत कार्रवाई की गई है. मृतक के पिता ने वायरल वीडियो में संतुष्ट बताया है लेकिन विपक्ष इसे सांप्रदायिकता का रंग चढ़ाने का काम कर रही है। ये सिर्फ इसलिए क्योंकि एक मुस्लिम की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई है। इसलिए विपक्षी दल तुष्टीकरण की नीति के तहत ये सब कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'भारत के अंदर कहीं पर भी ऐसी चीजें होती हैं तो उसकी जांच होती है. मानवाधिकार आयोग होता है. इस मामले में पिता का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें वो संतुष्ट हैं.' उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मृतक के पिता के साथ कोई जबरदस्ती नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जांच की जाएगी और उसके हिसाब से कार्रवाई होगी। सिंह ने कहा कि एक जजमेंट के साथ एक कैंपेन शुरू किया जाए, ये विपक्ष की हताशा को दिखाता है।

वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कासगंज में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत को दुखद और शर्मनाक बताते हुये राज्य सरकार से घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने तथा दोषियों को सख़्त सजा देने की मांग की है। मायावती ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, कासगंज में पुलिस हिरासत में एक और युवक की मौत अति दुखद व शर्मनाक है। सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद करे। उत्तर प्रदेश सरकार हिरासत में आए दिन होने वाली मौतों को रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है,जो अति चिन्ता की बात है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले को लेकर बुधवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में मानवाधिकार नाम की कोई चीज नहीं बची है तथा वहां कोई भी सुरक्षित नहीं है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज़ बची है?’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस हिरासत में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक, भक्षक बन चुके हैं।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।’’

बता दें कि युवक की पहचान अल्ताफ नाम के शख्स के रूप में हुई थी। अल्ताफ पर एक लड़की के अपहरण और जबरन शादी करने का आरोप था। इसी मामले में उसे पुलिस ने हिरासत में लिया था। ट्विटर पर जारी एक वीडियो बयान में, कासगंज के पुलिस प्रमुख रोहन प्रमोद बोथरे ने दावा किया कि उस व्यक्ति ने पुलिस स्टेशन में "शौचालय जाने के लिए कहा, पुलिस संग वह बाथरूम गया लेकिन अंदर से वापस जिंदा नहीं लौटा। बाहर से पुलिस ने कई बार दरवाया खटखटाया लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर पुलिस सने बाहर से दरवाजा तोड़ा और देखा युवक जमीन पर पड़ा था। 

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