किसान मार्च में भाग लेने के लिये कन्नौज जाने से रोके गये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन का हवाला देते हुये हस्तक्षेप करने की मांग की है।
कोविड प्रोटोकाल का हवाला देते हुये समाजवादी पार्टी के सोमवार से शुरू किसान मार्च को सरकार ने अनुमति नहीं दी है। कन्नौज जाने पर अड़े सपा अध्यक्ष को लखनऊ में हिरासत में ले लिया गया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुयी जिसके बाद कई नेता और कार्यकर्ता हिरासत में ले लिये गये।
इस बीच श्री यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा “ मै लोकसभा का सदस्य और सपा का अध्यक्ष होने के साथ साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के पद पर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुका हूं। किसानो के समर्थन में मेरा पूर्व घोषित कार्यक्रम सात दिसम्बर को कन्नौज में लगा है। वहां सभी तैयारियां हो चुकी है। ”
उन्होने लिखा “ राज्य सरकार के निर्देश पर मुझे कार्यक्रम में जाने से रोका गया है। विक्रमादित्य मार्ग स्थित मेरे आवास पर भारी पुलिस बल लगा है। मेरे वाहनो को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। राज्य सरकार का यह अलोकतांत्रिक व्यवहार मेरे नागिरक अधिकारों का हनन है। यह मामला सांसद होने के नाते विशेषाधिकार के हनन का भी है। कृपया तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि अपनी लोकतांत्रिक गतिविधियों को सम्पन्न करने का मेरा अधिकार बहाल हो सके। ”