सुप्रीम कोर्ट अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया और कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत है। पीठ ने कहा कि हम इस पर परसों यानि बुधवार को सुनवाई करेंगे।
राज्य सरकार ने 27 दिसंबर के आदेश के खिलाफ दायर अपनी अपील में कहा है कि उच्च न्यायालय ने पांच दिसंबर की मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के अलावा ओबीसी के लिए शहरी निकाय चुनावों में सीटों के आरक्षण का प्रावधान किया गया था।
अधिवक्ता रुचिरा गोयल के माध्यम से दायर अपील में कहा गया है कि ओबीसी को संवैधानिक संरक्षण मिला हुआ और उच्च न्यायालय ने मसौदा अधिसूचना रद्द करके गलत किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय आयोग गठित किया है।