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हाथरस केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला- इलाहाबाद हाईकोर्ट करे मामले की निगरानी, कोर्ट को रिपोर्ट करेगी सीबीआई

उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस का कथित गैंगरेप मामले की निगरानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला...
हाथरस केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला- इलाहाबाद हाईकोर्ट करे मामले की निगरानी, कोर्ट को रिपोर्ट करेगी सीबीआई

उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस का कथित गैंगरेप मामले की निगरानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अब यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत को रिपोर्ट करेगी। केस यूपी से बाहर ट्रांसफर करने की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि पहले जांच पूरी हो जाए फिर यह तय किया जाएगा कि केस ट्रांसफर होगा या नहीं। इसके अलावा पीड़ितों व गवाहों की सुरक्षा पर भी हाईकोर्ट ध्यान देगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित परिवार ने अपील की थी कि इस मामले का ट्रायल दिल्ली में हो।

 

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच सहित सभी पहलुओं की निगरानी इलाहाबाद हाई कोर्ट करेगा। कोर्ट ने मामले की सुनवाई को उत्तर प्रदेश के बाहर स्थानांतरित करने के मुद्दे को जांच पूरी होने तक फिलहाल ‘खुला’ रखा है।

इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाओं में दलील दी गई थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गई।

जानें क्या है मामला

हाथरस के एक गांव में दलित लड़की के साथ बीते 14 सितंबर को चार युवकों द्वारा कथित तौर पर गैंगरेप किया गया था। उसकी हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया था। परिवार का कहना है पुलिस ने देर रात जबरन लड़की का अंतिम संस्कार करा दिया। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि अंतिम संस्कार ‘परिवार की इच्छा के अनुसार किया गया।’ इस घटना को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए गए और लोगों ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग की। फिलहाल इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई की जांच जारी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने उत्तर प्रदेश में मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होने की आशंका प्रकट की थी।

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