उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले नेताओं के बीच मुलाकातों का दौर जोरों पर है। इस बीच समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी है। अखिलेश चाचा से मिलने उनके घर पहुंचे थे।
अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा, प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
अखिलेश यादव ने पिछले दिनों कहा था कि समाजवादी पार्टी का प्रयास रहा है कि वह छोटे दलों के साथ गठबंधन करे। स्वाभाविक रूप से, हम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपी-एल), चाचा शिवपाल सिंह यादव की पार्टी के साथ भी गठबंधन करने जा रहे हैं। सपा उन्हें पूरा सम्मान देगी।
बता दें कि शिवपाल मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। शिवपाल अखिलेश यादव की सरकार में लोक निर्माण विभाग और सिंचाई मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। 2017 में अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव से पार्टी की बागडोर संभालने के बाद, शिवपाल ने सपा से नाता तोड़ लिया और 2018 में अपनी पार्टी बना ली थी।
गौरतलब है कि दरअसल, अखिलेश यादव की नजर यूपी की छोटी पार्टियों पर लगी है। पिछड़ी जातियों वाले दलों का महागठबंधन बनाकर अखिलेश चुनावी लीड की कोशिश में हैं। अब तक समाजवादी पार्टी ने जयंत चौधरी के आरएलडी, ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, केशव देव मौर्य के महान दल, संजय चौहान की जनवादी पार्टी एस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और अपना दल कमेरावादी से गठबंधन कर चुके हैं। इससे पहले शिवपाल ने अपनी पार्टी के कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी।