उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद को नोटिस जारी कर 17 दिसंबर और छह दिसंबर को क्रमश: ‘धर्म संसद’ और इसकी तैयारी बैठक आयोजित नहीं करने का निर्देश दिया है, जिसकी अनुमति उन्होंने प्रशासन से नहीं ली है।
अपनी भड़काऊ टिप्पणियों से अक्सर विवाद पैदा करने वाले नरसिंहानंद ने 17 दिसंबर से शुरू हो रहे तीन दिवसीय "धर्म संसद" को भाजपा के पूर्व सांसद बैकुंठ लाल शर्मा की जयंती बताया है।
तीन दिवसीय आयोजन की योजना तैयार करने के लिए छह दिसंबर को तैयारी बैठक बुलाई गई है।
गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) इराज राजा ने कहा, "अनुमति के बिना, पुलिस तीन दिवसीय 'धर्म संसद' की अनुमति नहीं देगी, जिसमें सैकड़ों संतों के शामिल होने की उम्मीद है। साथ ही, उन्हें सुरक्षा प्रदान करना एक कठिन काम होगा।"
पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा नगर निकाय चुनाव को देखते हुए जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
पुलिस ने गुरुवार को नरसिंहानंद को नोटिस जारी कर उन्हें 'धर्म संसद' और तैयारी बैठक आयोजित नहीं करने का निर्देश दिया।
एक प्रेस बयान में पुजारी ने कहा, "धर्म संसद मंदिर परिसर में आयोजित की जाएगी, इसलिए इसके लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। और, यह पहली बार आयोजित नहीं किया जा रहा है। हम इसे किसी भी कीमत पर आयोजित करेंगे। यदि पुलिस और प्रशासन बाधा डाले, तो साधु विरोध दर्ज कराएंगे।"