करीब 70 साल के हो चुके मंजुलेन्द्र कुमार प्रयागराज के सोराव तहसील के रहने वाले हैं।इनका कहना है कि करीब 15 साल पहले इन्होंने घर छोड़ दिया,क्योंकि पत्नी की मृत्यु के बाद इनके बच्चे इनका खयाल रखना तो दूर इनके साथ सौतेला व्यवहार करने लगे।प्रयागराज में मंजुलेन्द्र के तीन बच्चे हैं।घर से निकलने के बाद ये लखनऊ आकर मेहनत मजदूरी कर जीवन गुजार रहे थे,लेकिन अब काम करने की उम्र रही नही वैसे में कु छह समय पहले नगर निगम के लोगों की नज़र इनपर पड़ी तो इन्हें जियामऊ के एक शेल्टरहोम लाया गया जहां अब ये अब रहते हैं।
कुछ इसी तरह की मिलती जुलती कहानी है आज़मगढ़ के बेगमबाग के रहने वाले राजीव बंसल का कहना है कि अलीगढ़ में पहले ये सड़क निर्माण के लिए गिट्टी की सप्लाई करते थे आमदनी भी अच्छी थी ,लेकिन कुछ साल पहले जब स्थिति खराब हुई तो एक साल पहले पत्नी ने घर से निकाल दिया,घर मे 15 साल का एक बच्चा है और 22 साल की लड़की।राजीव बंसल भी पिछले करीब एक साल से लखनऊ के जियामऊ के शेल्टर होम में अपनी ज़िंदगी गुजार रहे हैं। योगी सरकार का एक नया कानून आने की तैयारी मे है जो इस तरह के बुजुर्गो के लिये बुढापे की लाठी बनेगा ।
योगी सरकार का ये नया कानून उत्तर प्रदेश में मां- बाप को प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कार्यवाही होगी ,और माँ बाप की सेवा नही की तो संपति से बेदखल होंगे। इस कानून का आधार राज्य विधि आयोग की सिफारिश पर उत्तर प्रदेश माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण नियमावली 2014 में बेदखली की प्रक्रिया को शामिल कर सरकार संशोधन की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मूताबिक प्रस्तावित नए संशोधित कानून के तहत अगर कोई अपने माता-पिता को प्रताड़ित करता है या संपति से बेदखल करता है तो माता पिता अपनी संतान को अपनी संपत्ति से बेदख़ल कर सकते हैं। विधि आयोग के प्रस्ताव पर राज्य सरकार काफी गंभीर है,माना जा रहा है कि जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी भी मिल जाएगी।योगी सरकार का ये कानून होगा जो बुढ़ापे मे बुजुर्गों को कानूनी मजबूत करेगा की शरीर भले कमज़ोर हो जायेगा पर बच्चो को उनकी सेवा करनी पड़ेगी वरना संपति से बेदखल होने के लिये तैयार होना पड़ेगा ।