महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में किसान भारी मात्रा में हुए फसलों के नुकसान से मुसीबत में आ गए हैं। अनुमान है कि बारिश और ओलों से 25 से 50 फीसदी का नुकसान हुआ है। कहीं कहीं यह नुकसान तो सौ फीसदी तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक अभी भी कई इलाकों में बारिस की संभावना बनी हुई है। राज्य सरकारें फसलों के हुए नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने की तैयारी में है लेकिन यह मुआवजा कब तक मिलेगा इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
मध्य प्रदेश में बारिस से हुए नुकसान से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। कई जगहों पर किसानों ने उचित मुआवजे को लेकर प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश में भी फसल नुकसान के बाद एक किसान ने आत्महत्या कर ली। होशंगाबाद में स्थिति काफी खराब है जहां सूख चुकी गेंहू की बालियों में अंकुरन शुरु हो गया। वहीं मुरैना में आक्रोशित किसानों ने नुकसान का जायजा लेने पहुंचे मंत्री लाल सिंह आर्य को घेर लिया। शिवपुरी दतिया में किसानों ने चक्का जाम कर दिया।
उधर राजस्थान में फसल की हुई बर्बादी को लेकर विधानसभा में चर्चा जारी है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार उचित मुआवजा देने की तैयारी शुरु कर चुकी है। प्रदेश में 28 जिलों में से 12 में 25 एमएम से ज्यादा बारिस हुई है। बारिस से 4247 गांव प्रभावित हुए हैं। आपदा मंत्री गुलाबचंद कटारिया के मुताबिक सदन में नुकसान की स्थिति रख दी गई है जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।
बिन मौसम बरसात से संकट में किसान
बिन मौसम बरसात ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। मार्च महीन में हुई भारी बारिस से किसानों फसल को नुकसान पहुंचा दिया है जिससे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बारिस से हुए नुकसान के बाद एक किसान ने आत्महत्या कर ली।
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