अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का कार्य अब अपने समापन की ओर है। राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को बताया कि जुलाई के अंत तक मंदिर निर्माण से जुड़े अधिकांश अहम काम पूरे कर लिए जाएंगे। वे समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक के सिलसिले में अयोध्या पहुंचे थे।
मिश्र ने जानकारी दी कि मंदिर और उसके चारों ओर के परकोटे के निर्माण में बंसी पहाड़पुर के पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। कुल 14 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता थी, जिनमें से अब तक 13 लाख घन फुट पत्थर स्थापित किए जा चुके हैं। केवल एक लाख घन फुट पत्थर का कार्य बाकी रह गया है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर के आधार के रूप में बनाए जा रहे लगभग 800 फुट लंबे चबूतरे में से 500 फुट हिस्से पर ‘रामकथा’ को चित्रित करने वाले भित्ति चित्र बनाए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, मंदिर परिसर में प्रस्तावित 80 कांस्य भित्ति चित्रों में से 45 को पहले ही स्थापित कर दिया गया है।
एक उल्लेखनीय विशेषता के रूप में, मिश्र ने बताया कि भारत में पहली बार किसी मंदिर की खिड़कियों में टाइटेनियम जैसी अत्यंत मजबूत धातु का उपयोग किया गया है। यह धातु न केवल टिकाऊ है, बल्कि इसकी मजबूती इसे 1,000 वर्षों तक टिकाए रख सकती है, जिससे यह स्थापत्य का एक अद्वितीय उदाहरण बनता है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि निर्माण के सभी प्रमुख चरण जुलाई के अंत तक पूरे हो जाएंगे, जिसके बाद मंदिर का स्वरूप पूर्णता की ओर अग्रसर होगा।