मणिपुर में शनिवार रात को उस समय तनाव फैल गया जब मैतेई समुदाय के संगठन अरामबाई तेंगगोल के पांच स्वयंसेवकों, जिसमें एक कमांडर भी शामिल था, की गिरफ्तारी की अपुष्ट खबरें सामने आईं। इस घटना के बाद इंफाल घाटी में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसके चलते प्रशासन ने पांच जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं निलंबित कर दीं और बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू लागू कर दिया।
10 प्रमुख बातें
1. गिरफ्तारी की अफवाहें: शनिवार दोपहर करीब 2:30 बजे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा अरामबाई तेंगगोल के पांच स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी की खबरें फैलीं, हालांकि प्रशासन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
2. हिंसक प्रदर्शन: इंफाल वेस्ट के क्वाकेथेल में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए और मैतेई संगठन के नेता की रिहाई की मांग की। लगभग 50 राउंड गोलियों की आवाज भी सुनाई दी।
3. इंटरनेट सेवाएं निलंबित: मणिपुर सरकार ने शनिवार रात 11:45 बजे से इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, बिष्णुपुर और ककचिंग जिलों में पांच दिनों के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं, जिसमें VSAT और VPN शामिल हैं, निलंबित कर दीं।
4. कर्फ्यू और प्रतिबंध: बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू लागू किया गया, जबकि इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, थौबल और ककचिंग में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाने वाले निषेधाज्ञा आदेश जारी किए गए।
5. प्रशासन की प्रतिक्रिया: अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तनावग्रस्त क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके। हालांकि, गिरफ्तार नेता का नाम या उन पर लगे आरोपों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
6. सोशल मीडिया पर अपडेट: मणिपुर पुलिस ने रविवार तड़के 2 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इंटरनेट निलंबन, कर्फ्यू और निषेधाज्ञा आदेशों की जानकारी साझा की।
7. मैतेई-कुकी तनाव: अरामबाई तेंगगोल पर पहले कुकी गांवों पर हमले के आरोप लगे हैं। मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
8. राजनीतिक स्थिति: मणिपुर में फरवरी 2023 से राष्ट्रपति शासन लागू है, जब मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। हाल ही में 44 विधायकों ने लोकप्रिय सरकार के गठन की मांग की है।
9. सामाजिक प्रतिक्रिया: प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी पर हमला किया और सड़कों पर आगजनी की। म्यांमार सीमा से सटे मोरेह में कोई हिंसा नहीं हुई, लेकिन वहां भी हाई अलर्ट है।
10. आगामी बैठक: गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि सोमवार को कुकी-जो उग्रवादी समूहों के साथ निलंबन संचालन (SoO) समझौते पर चर्चा करेंगे, जो मणिपुर की स्थिति पर प्रभाव डाल सकता है।
मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा ने राज्य को अस्थिर कर रखा है। हाल के महीनों में हिंसा में कमी आई थी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर तनाव को हवा दी है। मणिपुर प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। स्थिति पर नजर रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।