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शीतकालीन सत्र: टेलीकॉम बिल लोकसभा में पेश; हंगामें के बीच सदन स्थगित

13 दिसंबर को एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन के बाद, लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कार्यवाही में भारी व्यवधान...
शीतकालीन सत्र: टेलीकॉम बिल लोकसभा में पेश; हंगामें के बीच सदन स्थगित

13 दिसंबर को एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन के बाद, लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कार्यवाही में भारी व्यवधान देखा गया। विपक्ष ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से बयान की मांग की, जबकि कई ने उनके इस्तीफे की मांग की। वहीं, शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में भी लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बुधवार की सुरक्षा उल्लंघन की घटना को लेकर हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में लगातार दो बार स्थगन हुआ और सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे फिर से शुरू होगी।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से 13 सांसदों का निलंबन रद्द करने का आग्रह किया। उन्होंने लिखा “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जिन सदस्यों को 'अनियंत्रित आचरण' के कारण निलंबित कर दिया गया है, वे बहुत परेशान करने वाले मुद्दों पर सरकार से स्पष्टीकरण के लिए दबाव डाल रहे थे। मुझे उनकी चिंताओं और दृष्टिकोणों पर उनकी बात सुनना उचित प्रतीत होता है। हाल के दिनों में 13 सदस्यों के निलंबन के कारणों को ध्यान में रखते हुए, मैं आग्रह करूंगा कि इस मामले को समग्र रूप से फिर से देखा जाए और निलंबन को रद्द करने और सदन में व्यवस्था बहाल करने के लिए उचित कार्रवाई की जाए।"

इस बीच, सरकार ने आज लोकसभा में दूरसंचार विधेयक 2023 पेश किया है। केंद्र सरकार का लक्ष्य शीतकालीन सत्र समाप्त होने से पहले तीन नए आपराधिक कोड और चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिए एक पैनल पर विधेयक को आगे बढ़ाने का भी है। बता दें कि विधेयक में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की शक्ति को नियंत्रित करने का भी प्रस्ताव किया गया, जिस पर विभिन्न पक्षों ने चिंता जताई थी. 

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, ‘ओवर-द-टॉप' कंपनियों और ट्राई से जुड़े मुद्दों को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने से पहले ही सुलझा लिया गया था. मसौदे में किसी कंपनी द्वारा अपना परमिट सरेंडर करने की स्थिति में लाइसेंस, पंजीकरण का शुल्क वापस करने जैसे कुछ नियमों को आसान बनाने का प्रस्ताव किया गया था.

मंत्रिमंडल ने अगस्त में इस विधेयक को मंजूरी दी थी. इस साल जारी दूरसंचार विधेयक के मसौदे में उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘ओवर-द-टॉप' या इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप को दूरसंचार की परिभाषा के तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया था. नए विधेयक में सरकार को उपभोक्ताओं के हित में प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, जुर्माना माफ करने, बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने, दूरसंचार नेटवर्क की उपलब्धता या निरंतरता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की शक्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है.

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