ऑस्ट्रेलिया के स्टार सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर को नहीं लगता कि जब कोविड-19 महामारी खत्म होने के बाद दुनिया में क्रिकेट बहाल होगा तो गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल को रोकने की जरूरत होगी। उन्हें लगता है कि यह साथी खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने से कम या ज्यादा जोखिम भरा नहीं है। ऐसी अटकलें हैं कि संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल को रोक दिया जाएगा।
मुझे याद नहीं कि ऐसा करने से कोई बीमार हुआ हो
डेविड वॉर्नर ने 'क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से कहा, ''आप ड्रेसिंग रूम साझा कर रहे हो और इसके अलावा भी आप सब चीजें साझा करते हो तो मुझे नहीं लगता कि इसे बदलने की जरूरत क्यों है।'' उन्होंने कहा, ''यह सब सैकड़ों वर्षों से चल रहा है, मुझे याद नहीं कि ऐसा करने से कोई बीमार हुआ हो। अगर आपको संक्रमित होना है तो मुझे नहीं लगता कि जरूरी नहीं कि यह सिर्फ इसी से हो।''
शॉन टैट थे इसके पक्ष में
उन्होंने कहा, ''मैं हालांकि इसे लेकर ज्यादा सुनिश्चित भी नहीं हूं, लेकिन यह टिप्पणी करना मेरा काम नहीं है कि गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं। यह आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और संचालन संस्थाओं का काम है कि वे फैसला करें।''
हालांकि पूर्व तेज गेंदबाज शॉन टैट मानते हैं कि बदलाव को स्वीकार करना अहम है और थूक का इस्तेमाल पुरानी बात हो सकती है। टैट ने कहा, ''मैं गेंद पर लार लगाने के हक में नहीं हूं, यह अच्छा नहीं है। हमें संभावित बदलावों को स्वीकार करना चाहिए।
माइकल होल्डिंग भी थे खिलाफ
ईएसपीएनक्रिकइंफो द्वारा यह बताया गया है कि अधिकारी खिलाड़ियों को लार का उपयोग करने से दूर रखने के लिए गेंद को चमकाने के लिए कृत्रिम पदार्थों के उपयोग पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले, वेस्टइंडीज के महान माइकल होल्डिंग ने कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर एहतियात के तौर पर बॉल टैंपरिंग को वैध बनाने के सुझावों पर भी सवाल उठाए थे। होल्डिंग ने कहा कि कथित कदम के पीछे कोई तर्क नहीं है क्योंकि खिलाड़ी वैसे भी सुरक्षित वातावरण में खेल खेल रहे होंगे और गेंद पर लार का इस्तेमाल एक मुद्दा नहीं होना चाहिए।