ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और दो बार के विश्व कप विजेता रिकी पोंटिंग ने अपनी कप्तानी के दौरान हुए सबसे बड़े विवाद पर बड़ा खुलासा किया है। यह था 2008 में हुआ मंकीगेट विवाद जिसको पोंटिंग अपने कप्तानी करिअर का सबसे खराब क्षण मानते हैं। उन्हें लगता है कि उस समय जो कुछ हुआ था उस पर उनका नियंत्रण नहीं था। दरअसल, यह विवाद भारतीय टीम के सीनियर स्पिनर हरभसन सिंह और ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एंड्रयू सायमंड्स के बीच सिडनी में हुए दूसरे टेस्ट के दौरान हुआ था, जिसमें हरभजन पर सायमंड्स पर नस्लीय टिप्पणी करने के आरोप लगे थे।
2005 की एशेज सीरीज से भी ज्यादा कठिन
रिकी पोंटिंग ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया, ‘मंकीगेट विवाद संभावित रूप से मेरी कप्तानी करिअर का सबसे खराब क्षण रहा। 2005 की एशेज सीरीज का हारना हमारे लिए कठिन था लेकिन उस समय मैं पूरे कंट्रोल में था, लेकिन जब 2008 में भज्जी और सायमंड्स के बीच मंकीगेट विवाद में जो कुछ भी हुआ उस समय मैं पूर्ण नियंत्रण में नहीं था।’ दरअसल, हरभजन सिंह ने सायमंड्स को मंकी यानी बंदर कहा था। इसके लिए उन पर तीन टेस्ट मैचों को बैन लगा था, लेकिन बाद में उसे हटा लिया गया था।
मैच ते बाद अधिकारियों से की थी बात
77 टेस्ट मैचों में 48 टेस्ट मैच और 228 वनडे मैचों में 164 मैच जीतने वाले ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग ने स्काईस्पोर्ट्स पॉडकास्ट में कहा है कि यह (मंकीगेट) एक खराब पल था, इसलिए भी क्योंकि यह इतने लंबे समय तक चलता रहा। उन्होंने कहा है, ‘मुझे याद है कि मैं एडिलेड टेस्ट मैच के बाद ग्राउंड से बाहर आया था और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों से केस के बारे में बात की थी, क्योंकि एडिलेड टेस्ट मैच के बाद मामले की सुनवाई होनी थी।’
इस विवाद ने दोनों टीमों के बीच बहुत कड़वाहट पैदा कर दी थी
इस घटना ने भारत और ऑस्ट्रेलियाई टीमों के बीच बहुत कड़वाहट पैदा कर दी थी। आइसीसी के हस्तक्षेप करने से पहले भारत ने दौरे रद करने की धमकी दे दी थी। ऑस्ट्रेलियाई महान बल्लेबाज ने कहा है, "मंकीगेट विवाद का जो परिणाम सामने आया उससे हमें दुख हुआ। यह तथ्य अगले टेस्ट मैच के लिए हमारे क्रिकेट खेलने के तरीके से मिला, शायद सबसे निराशाजनक बात यही थी। हमने पर्थ में खेला और सोचा कि हम जीत जाएंगे, लेकिन हमें हार मिली और फिर इसके बाद चीजें और खराब होती गईं।