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साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार

साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी द्वारा 23 भारतीय भाषाओं के युवा रचनाकारों को साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार-2015 प्रदान किए गए। विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा, कोई भी पुरस्कार या राशि तो वापस की जा सकती है किंतु प्राप्त सम्मान कभी वापस नहीं किया जा सकता। यह स्वयं द्वारा अर्जित होता है और समाज यानी ‘लोक’ की इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात मराठी लेखक श्री विश्वास पाटील ने की। उन्होंने कहा, लेखक केवल मानवता की आवाज को अपने शब्दों में पिरोते हैं और इस तरह वे शब्दों के नायक हैं। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि लेखक हमेशा अपने मन की आवाज सुनता है और वही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने युवा रचनाकारों के आगे आने वाली चुनौतियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ऐसे में उन्हें अपने मन की ही आवाज सुननी चाहिए।

सभी विजेताओं को 50,000/- रुपये की राशि और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। पुरस्कृत रचनाकारों का परिचय अकादेमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव द्वारा प्रस्तुत किया गया।

युवा पुरस्कार विजेता सम्मेलन के बाद युवा लेखक उत्सव का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन प्रख्यात हिंदी कथाकार चंद्रकांता ने किया। इस कविता-पाठ में विभिन्न भारतीय भाषाओं के 8 कवियों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष प्रो. चंद्रशेखर कंबार ने कहा कि साहित्य अकादेमी द्वारा दिए जाने वाले ये युवा पुरस्कार देश की भाषायी विविधता को प्रोत्साहित करने के लिए हैं। उन्होंने युवा लेखकों से अनुरोध किया कि वे आधुनिकता के साथ-साथ परंपराओं और स्थानीयता से भी अपने को जोड़े रहें। 

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