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साल अंत तक बनेगी निर्वासन में सरकार: उल्फा प्रमुख

एक चौथाई शताब्दी से भी ज्यादा समय से परेश बरुआ भारतीय सेना और पुलिस को चकमा देकर बचते आ रहे हैं। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ वेस्ट साउथ ईस्ट एशिया (युएनएलएफडब्ल्यूएसइए) के गठन में प्रमुख भूमिका निभानेवाले और अभी के समय भारतीय सेना के विरुद्ध आक्रामक रुख रखे हुए प्रतिबंधित संगठन उल्फा के सेनापति बरुआ का एनएससीएन(के) के अध्यक्ष एस.एस. खापलांग से घनिष्ठ संबंध है।
साल अंत तक बनेगी निर्वासन में सरकार: उल्फा प्रमुख

 छह मई को राजीव भट्टाचार्य से टेलीफोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा, "सभी भारत विरोधी समूह" एक निर्वासित सरकार का गठन करने के लिए  एकजुट होंगे। बातचीत के अंश :

 

जब 2011 में म्यांमार में मैं आप से मिला था तो आपने कहा था कि जल्द ही एक संयुक्त फोरम का गठन होगा। लेकिन इसमें अब तक बहुत देर हो चुकी है।

भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों को हमारी योजना की जानकारी हो गई थी। हमारे विरुद्ध काम कर रहे लोगों और एजेंसियों को ढूंढने में हम सक्षम हैं। इसमें बहुत मेहनत और समय लग गया। 

 

यह संयुक्त फोरम किस उद्देश्य की पूर्ति करेगा ?

आपने हमारा बयान देखा है, द यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ वेस्टर्न साउथ ईस्ट एशिया इस संघर्ष को बहुत आगे ले जाएगा। उसका एक संविधान, एक झंडा होगा और अभियानों को विश्व स्तर पर पर ले जाया जाएगा।

 

उत्तर-पूर्व के अलगाववादी संगठनों की एकजुटता का यह चौथा प्रयास है। संयुक्त फोरम के लिए पिछले सभी प्रयास विफल हो चुके हैं। किन वजहों से आपको लगता है कि इस बार प्रयासों का परिणाम अलग होगा ?

सभी को इस बात का एहसास है कि अंगामी फिजो के द्वारा  विद्रोह का झंडा लहराने से लेकर अब तक हमारा आंदोलन  ज्यादा कुछ  हासिल नहीं कर सका है। इसी वजह से सभी समूह एक साथ आने का दबाव  महसूस कर रहे हैं। आपने जब हमारे कैंपों का दौरा किया था तब आपने देखा था कि किस प्रकार सभी संगठन एक साथ रहते और काम करते हैं। क्या अब भी हमारी एकता पर कोई संदेह है?

 

इस फोरम की तत्काल क्या योजनाएं हैं ?

हम जब भी और जहां भी संभव होगा हमला करेंगे। हम आशा करते हैं कि इस साल के अंत तक निर्वासन में  सरकार के गठन  में सक्षम होंगे।

 

 

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