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दिल्ली को पूर्ण राज्य बनवाना प्राथमिकताः सिसोदिया

दिल्ली की नई सरकार में उप-मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे मनीष सिसोदिया के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। आउटलुक सिब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह से हुई सिसोदिया की बातचीत के प्रमुख अंशः
दिल्ली को पूर्ण राज्य बनवाना प्राथमिकताः सिसोदिया

जनता आप के साथ क्यों औऱ कैसे हुई

दिल्ली के लोगों ने हमारी 49 दिनों की सरकार देखी। उस दौरान जो हमने कर दिखाया था, वह लोगों को याद रहा। हर व्यक्ति भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहते हैं, एक बेहतर सरकार चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने हमारा साथ दिया।

ऐसी बात हो रही थी कि सिर्फ गरीब लोग आपके साथ हैं, लेकिन सबका साथ कैसा मिला

सब लोग शुरू से हमारे साथ थे। आप बताइए भ्रष्टाचार से  मुक्ति कौन नहीं चाहता। यह सबकी चाह है।

क्या प्राथमिकता रहेगी

सुशासन, भ्रष्टाचार से मुक्ति। शिक्षा की स्थिति में सुधार। हम 170 के करीब सरकारी स्कूल खोलेंगे, कॉलेज खोलेंगे  ताकि बेहतर और सस्ती शिक्षा मिल सके।

अल्पसंख्यकों का वोट भी तकरीबन पूरा का पूरा आया है

देखिए हर जगह, हर समुदाय के सामने हमने मुद्दे एक ही रखे, भ्रष्टाचार से मुक्ति। हमने मुसलमानों से कहा कि हम आपको भ्रष्टाचार से बचाने आए है। हमने किसी भी समुदाय को दूसरे समुदाय का खौफ दिखा कर वोट नहीं मांगा। हमने सीधे-सीधे मुद्दों की बात की और जनता ने इसे ही चुना।

क्या रहेगा फोकस

काम-काम और काम। जो कहा है, उसे कर के दिखाना। बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, इसे निभाना भी बहुत मुश्किल है। हमारी कोशिश रहेगी कि समयबद्ध ढंग से वादों को पूरा किया जाए। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने की कोशिश हमारी है क्योंकि यह दिल्ली की जनता की चाह है।

किन मुद्दों पर हो सकता है टकराव

पूर्ण राज्यः आप ने वादा किया है कि वह पूर्ण राज्य के लिए कोशिश करेगी। केंद्र सरकार इसके लिए सहज तैयार नहीं होगी।

 दिल्ली सरकार का दि पुलिस पर का दिल्ली पुलिस पर अधिकार नहीं है यह भी बड़ा मुद्दा है।

 केंद्रीय बजटः आप केंद्रीय बजट में अपने लिए अधिक आवंटन चाहती है

नगर पालिकाएंः इसमें भाजपा का बोलबाला है। राज्य सरकार के लिए सेवाओं को मुहैया कराने के लिए इन पर निर्भर होना होगा।

कानूनः चूंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है इसलिए विधानसभा द्वारा पारित कानूनों को लेफ्टिनेंट गर्वनर से मंजूरी यानी केंद्र से जरूरी है और इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है।

बिजली और पानीः बिजली और पानी के लिए दिल्ली अन्य राज्यों पर बहुत निर्भर है।

ठेकेदारी प्रथा का उन्मूलनः आप ने यह वादा किया है लेकिन उद्योग के प्रति झुकाव वाली केंद्र की नीतियां रोड़ा बनेंगी।

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