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एक्यूट इंसेफेलाइटिस: बिहार सरकार ने कहा, देरी से अस्‍पताल पहुंचने की वजह से हो रही मौतें

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के मंगलवार को मुजफ्फरपुर दौरे के बाद राज्‍य सरकार ने एक्यूट...
एक्यूट इंसेफेलाइटिस: बिहार सरकार ने कहा, देरी से अस्‍पताल पहुंचने की वजह से हो रही मौतें

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के मंगलवार को मुजफ्फरपुर दौरे के बाद राज्‍य सरकार ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस पर अपनी सफाई दी है। बिहार सरकार ने कहा कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम से मौत के पीछे बच्‍चों का अस्‍पताल देरी से पहुंचना है। बिहार के मुख्‍य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि सीएम ने अपने दौरे के बाद बच्‍चों के बेहतर इलाज के लिए कई निर्देश दिए हैं।

दीपक कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'मुख्‍यमंत्री ने कुछ निर्देश दिए हैं। उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों की मौत के पीछे का कारण उनका अस्‍पताल देरी से पहुंचना है। यह बार-बार कहा गया है कि अस्‍पतालों में आने वाले मरीजों को आने का खर्च नहीं देना होगा। उनका किराया वापस किया जाएगा। सभी 400-400 रुपये किराया दिया जाएगा।'

'एसकेएमसीएच अस्‍पताल को 2500 बेड का किया जाएगा'

बिहार सरकार ने यह भी ऐलान किया कि एसकेएमसीएच अस्‍पताल के 610 बेड को बढ़ाकर 2500 किया जाएगा। इसके तहत अगले साल इस अस्‍पताल में 1500 बेड और फिर इसे 2500 बेड कर दिया जाएगा। इसके अलावा 100 बेड का आईसीयू बनाया जाएगा जो अभी 50 बेड का है। इसके साथ-साथ मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए वहां पर एक धर्मशाला का भी निर्माण किया जाएगा।

मुख्‍य सचिव दीपक कुमार के मुताबिक मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हरेक मरीज के घर का सर्वेक्षण किया जाएगा ताकि यह जाना जा सके कि मौत के पीछे कारण क्‍या है। दीपक कुमार ने बताया कि पिछले साल बहुत कम बच्‍चों की मौत हुई थी। हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि इस साल ऐसा आखिर क्‍या हो गया जिससे इतनी बड़ी संख्‍या में लोगों की मौत हो गई। उन्‍होंने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान मरीज के परिवार का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय बैकग्राउंड देखा जाएगा। टीएम यह भी जानने का प्रयास करेगी कि मरीजों के परिवार की स्थिति, गरीबी, स्‍वच्‍छता का स्‍तर कैसा है।

'डॉक्‍टरों को बाहर से लाया जाएगा'

उन्‍होंने बताया कि सीएम ने कहा है कि हालांकि मुजफ्फरपुर में डॉक्‍टरों की कमी नहीं है और सभी लोग अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं लेकिन उनकी मदद के लिए कुछ डॉक्‍टरों को बाहर से लाया जाएगा। आज कुछ डॉक्‍टर वहां भेजे गए हैं। मुख्‍य सचिव ने कहा कि हम विषम परिस्थिति में काम कर रहे हैं। अभी तत्‍काल राहत और बाद में भविष्‍य में राहत के लिए काम किया जाएगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि यह कोई नई चीज नहीं है। वर्ष 2012 में सबसे ज्‍यादा बच्‍चे मरे थे। 12 जिले प्रभावित हैं। मुख्‍य सचिव ने दावा किया कि राज्‍य सरकार ने चमकी बुखार के लिए पूरी तैयारी की थी।

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