स्वाइन फ्लू (एच1एन1) देश में लगातार अपने पैर पसार रहा है, जिसकी वजह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। 3 फरवरी तक कुल 6701 स्वाइन फ्लू के मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि 226 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है। वहीं, पिछले वर्ष 3 फरवरी तक कुल 798 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें से 68 लोगों की मौत हो गई थी।
फरवरी माह के पहले हफ्ते में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। सिर्फ राजस्थान में ही 507 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 49 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, दिल्ली में कुल 456 मामले दर्ज किए गए हैं।
दरअसल, स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। इस दौरान सचिव को बताया गया कि वर्ष 2019 में 3 फरवरी तक देश में स्वाइन फ्लू के कुल 6701 मामले सामने आए हैं। वहीं, स्वाइन फ्लू के चलते अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर मौतें राजस्थान, गुजरात और पंजाब में हुई हैं। राजस्थान के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही एक टीम रवाना कर चुका है। सूदन ने पंजाब और गुजरात के लिए भी टीम रवाना करने के निर्देश दिए। वहीं, दिल्ली में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 1019 हो गई है। बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बुधवार को एक बार फिर गाइडलाइन जारी की है। खांसने और छींकने के दौरान नाक-मुंह पर रुमाल रखने को कहा गया है।
ठंड में बढ़े मामले
इस बार मौसम में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, ठंड अपेक्षा के अनुसार अधिक समय तक रहने की वजह से फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। दिल्ली और हरियाणा में मामले काफी बढ़े हैं जबकि मरने वालों की संख्या में कमी आई है। स्वाइन फ्लू के मामलों में बेहतर प्रबंधन की वजह से मरने वालों की सख्या में कमी आई है। स्वाइन फ्लू की वजह से मरने वाले 75 फीसदी लोगों को पहले से ही सांस लेने की समस्या, मधुमेह और रक्तचाप की दिक्कत थी।
48 घंटे में राजधानी में 124 मामले दर्ज
48 घंटे के दौरान राजधानी में 124 मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही इस जनवरी से अब तक सिर्फ दिल्ली में ही स्वाइन फ्लू पीड़ितों की संख्या 1019 हो गई है। इसमें 812 वयस्क और 207 बच्चे शामिल हैं। जनवरी से लेकर अब तक सफदरजंग और राममनोहर लोहिया में ही वरिष्ठ डॉक्टरों ने 13 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत की जानकारी दी है।
सरकार के दावों के उलट बोले मरीज
इल्फ्लूएंजा (एच1एन1) पर राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव संजीव खिरवाल ने हाल में कहा था कि शहर में सभी सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी के प्रबंधन के लिए आवश्यक साजो-सामान एवं निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) सहित दवाइयां उपलब्ध हैं। साथ ही एन95 मास्क भी मौजूद हैं। लेकिन इस गंभीर बीमरी से जूझ रहे पीड़ितों का कहना है कि इन अस्पतालों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। मरीजों के लिए स्वाइन फ्लू वार्ड में जगह नहीं है, उन्हें मास्क बाजार से खरीदना पड़ रहा है।