राजधानी दिल्ली में दिवाली के बाद से प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है। राजधानी के आसपास के इलाके भी गैस चैंबर बने हुए हैं और अगले दो दिन तक राहत के आसार भी नहीं हैं। धुंध इतना बढ़ गया है कि कहीं भी धूप नजर नहीं आ रही है। दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का असर कम नहीं हुआ है।
दिल्ली में बुधवार की सुबह पीएम 2.5 का स्तर 500 (गंभीर) और पीएम 10 का स्तर 379 (बहुत खराब) स्थिति में रहा। इससे पहले दिल्ली में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 तक दर्ज किया गया था। आज नोएडा और गाजियाबाद की हवा में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया।
सुबह आठ बजे दिल्ली के आरकेपुरम में पीएम 2.5 192 और पीएम-10 167 दर्ज किया गया। दिल्ली के आसपास की स्थिति और भी बुरी है। नोएडा की बात करें तो वहां पीएम 2.5 312 और पीएम 10 276 रहा। वहीं, गाजियाबाद में पीएम 2.5 का स्तर 381 और पीएम 10 339 तक जा पहुंचा। इस लिहाज से दिल्ली से भी ज्यादा नोएडा और गाजियाबाद वायुप्रदूषण से प्रभावित हैं।
अगले दो दिन तक राहत के आसार नहीं- मौसम विभाग
मौसम विभाग के मुताबिक, हवा का बहाव बहुत कम होने की वजह से यह प्रदूषण दिल्ली और आसपास के इलाकों में रुक गया है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले दो दिनों तक राहत के आसार नहीं हैं।
बता दें कि 0-50 तक का एयर क्वालिटी इंडेक्स 'अच्छा' माना जाता है। 51-100 तक 'संतोषजनक', 101-200 'मध्यम', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब' और इससे ऊपर गंभीर श्रेणी में आता है। 500 के ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर और आपतकाल स्थिति के लिए होता है।
आज आएगा और पराली की धुआं
केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के मुताबिक, मंगलवार को पराली के धुएं ने दिल्ली को 25 प्रतिशत तक प्रदूषित किया। आज यानी बुधवार को यह बढ़कर 29 फीसदी तक हो सकता है। 27 अक्टूबर को पराली के मामले कुछ कम हुए थे, लेकिन अब किसान बड़ी संख्या में पराली जला रहे हैं। 24 घंटे में पराली के मामले 1654 से बढ़कर 2577 पर पहुंच गए हैं। हवाओं का रुख भी उत्तर-पश्चिम का है। इस वजह से पराली का धुंआ आसानी से दिल्ली पहुंच रहा है। अगले दो दिन एयर क्वॉलिटी इंडेक्स इसी तरह का बना रहेगा। हालांकि दिन में कभी-कभी यह गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकता है। 1 नवंबर से ही स्थिति में सुधार की संभावना है।