दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में गवाह के तौर पर दो पूर्व पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज करने के लिए सोमवार को 9 दिसंबर की तारीख तय की।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह ने सुनवाई स्थगित कर दी, क्योंकि उन्हें बताया गया कि गवाह सोमवार को गवाही देने की स्थिति में नहीं हैं। न्यायाधीश ने 23 नवंबर को गवाहों - रवि शर्मा और धर्म चंद को तलब किया।
न्यायाधीश ने कहा, "सीबीआई के सरकारी वकील ने कहा है कि अदालत में मौजूद गवाहों ने उनसे कहा है कि वे आज गवाही देने की स्थिति में नहीं हैं...चूंकि अभियोजन पक्ष आज गवाहों से पूछताछ नहीं कर रहा है, इसलिए मामले की सुनवाई स्थगित की जाती है।" उन्होंने मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर तय की।
टाइटलर व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए। यह मामला 1984 में राष्ट्रीय राजधानी के गुरुद्वारा पुल बंगश में तीन सिखों की हत्या से जुड़ा है। 12 नवंबर को न्यायाधीश ने दंगों के दौरान गुरुद्वारा पुल बंगश में भीड़ द्वारा मारे गए बादल सिंह की विधवा लखविंदर कौर का बयान दर्ज करना समाप्त कर दिया। अदालत ने 13 सितंबर को टाइटलर के खिलाफ हत्या और अन्य अपराधों के आरोप तय किए।
एक गवाह ने दावा किया कि टाइटलर 1 नवंबर, 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक सफेद कार से बाहर आया और सिखों के खिलाफ भीड़ को उकसाया, जिसके कारण तीन लोगों की "हत्या" हुई। 2023 में एक सत्र अदालत ने 1 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर मामले में टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी।
टाइटलर को अन्य शर्तों के साथ मामले में सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने या अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया। एजेंसी ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाना) तथा 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाए हैं।