हिन्दू देवी-देवाताओं का मजाक उड़ाने के आरोप में जेल में बंद मुनव्वर फारुखी 36 दिन बाद इंदौर की केन्द्रीय जेल से बाहर आ गए हैं। उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के करीब तीस घंटे बाद उन्हें रिहा किया गया है। उच्चतम न्यायायल ने इंदौर और प्रयागराज, दोनों ही मामलों में फारुखी को राहत दी है। हालांकि उसके बाद भी रिहाई में अड़चने बनी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उन्हें देर रात रिहा किया गया। रिहाई के बाद वे अपने शहर जूनागढ़ के लिए रवाना हो गये हैं। उनसे बातचीत के प्रमुख अंश...
इस पूरे मामले में कुछ कहना चाहेंगे ?
इस मामले में कुछ नहीं कहना है। चूंकि मामला न्यायालय के विचाराधीन है, इसलिए कुछ भी कहना सही नहीं होगा। केवल इतना जरूर कहना चाहूंगा कि देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मेरा विश्वास है कि मुझे न्याय मिलेगा।
उच्चतम न्यायालय से आदेश आने के बाद भी रिहाई में देरी क्यों ?
यहां के प्रशासन का कहना था कि उच्चतम न्यायालय से आधिकारिक मेल आने तक रिहाई नहीं की जायेगी। उनको आदेश की कॉपी दिखाने के बाद भी जेल प्रशासन तैयार नहीं हो रहा था। उसके बाद देर रात जब सीजेएम कोर्ट में न्यायालय की अवमानना लगाने के लिए वहां गये, तब रात 11 बजे जेल से रिहा किया गया।
उच्चतम न्यायालय की ओर से क्या आदेश दिया गया है ?
वहां जो अपील की थी उसमें इंदौर और प्रयागराज दोनों मामलों को जोड़ा गया था। उस पर सुनवाई कर न्यायालय ने अपना आदेश दिया है। उसमें इंदौर में दर्ज मामले में उच्च न्यायालय के आदेश पर स्टे लगाते हुए जमानत दी गई है और प्रयागराज मामले पर स्टे लगाया गया है।
क्या आपको उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने की तैयारी थी ?
बाहर आने पर मालूम हुआ कि चूंकि प्रयागराज में भी मामला दर्ज हुआ था, इस वजह से यहां के जेल प्रशासन ने वहां सूचना दी थी कि यहां से रिहाई की जा रही है। यदि वहां का कोई मामला है तो वे लोग उसके अनुसार कार्यवाही कर सकते है किन्तु बाद में स्पष्ट हो गया कि उस मामले में भी स्टे लगाया गया है।
आप दोबारा शो कब से शुरू करेंगे ?
इस बारे में अभी कुछ तय नहीं किया है। फिलहाल मुझे परिवार के साथ रहना है। मेरे देश के कई शहरों में कार्यक्रम की योजना थी किन्तु अब उस ओर अभी कुछ नहीं करना है।