झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग (जेएसएमसी) ने रविवार को कहा कि आयोग 8 दिसंबर को सरायकेला-खरसावां जिले में एक व्यक्ति की कथित मॉब लिंचिंग की जांच के लिए जल्द ही एक जांच दल का गठन करेगा।
आल इंडिया माइनॉरिटी वेलफेयर फ्रंट के प्रवक्ता सरफराज हुसैन द्वारा पत्र लिखकर आदित्यपुर में शेख ताजुद्दीन की कथित मॉब लिंचिंग की न्यायिक जांच की मांग के बाद जेएसएमसी ने इस घटना का संज्ञान लिया है। हुसैन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मृतक के परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की।
आदित्यपुर थाना अंतर्गत सपरा में लोगों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर पीटे जाने के बाद ताजुद्दीन गंभीर रूप से घायल हो गया था। बाद में उसकी मौत हो गई। जेएसएमसी के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने कहा कि आयोग ने हुसैन से पत्र मिलने के तुरंत बाद घटना का संज्ञान लिया है।
खान ने बताया कि 26 दिसंबर को जेएसएमसी ने इस संबंध में सरायकेला-खरसावां जिले के पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने पीटीआई को बताया कि जेएसएमसी मामले की जांच के लिए एक जांच दल गठित करेगी और घटनास्थल का दौरा करेगी, एक-दो दिन में पीड़ित के परिजनों और जिला पुलिस से घटना का ब्योरा जुटाएगी और इस संबंध में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी लेगी।
जिला एसपी मुकेश कुमार लुनायत ने बताया कि सरायकेला के उपमंडल पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और उनकी रिपोर्ट पैनल को सौंपी जाएगी। हालांकि, उन्होंने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज होने के तुरंत बाद पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते चार आरोपियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। एसपी ने बताया कि घटना के करीब एक सप्ताह बाद ताजुद्दीन की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।