नेपाल में शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटकों के कारण हिमालयी देश के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में कम से कम 140 लोगों की मौत हो गई, कई अन्य लोग घायल हो गए और सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए। यह नेपाल में 2015 के बाद सबसे विनाशकारी भूकंप है।
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप आधी रात 11 बजकर 47 मिनट पर आया, जिसका केंद्र जाजरकोट जिले में था।
नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे। हालिया भूकंप 2015 के बाद से देश में आया सबसे विनाशकारी भूकंप है।
नेपाल भूकंप में मरने वालों की संख्या 132 हो गई है: नेपाल पुलिस pic.twitter.com/CeTUrJcSOt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 4, 2023
भूकंप का असर काठमांडू और इसके आसपास के जिलों और यहां तक कि पड़ोसी देश भारत की राजधानी नयी दिल्ली तक में महसूस किया गया।
नेपाल सेना के प्रवक्ता कृष्ण प्रसाद भंडारी के अनुसार, नेपाल सेना ने भूकंप के तुरंत बाद घटना स्थल पर बचाव कार्य करने के लिए शुक्रवार को अपने कर्मियों को तैनात किया।
सरकारी ‘नेपाल टेलीविजन’ के अनुसार, पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिले भूकंप के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए।
प्रधानमंत्री सचिवालय ने बताया कि जाजरकोट और रुकुम में भूकंप के कारण मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 140 हो गई है और इतने की लोग घायल हुए है। मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है।
अधिकारियों ने बताया कि भूकंप में मारे गए लोगों में जाजरकोट में नलगढ़ नगर पालिका की उप महापौर सरिता सिंह भी शामिल हैं। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र ने बताया कि शुक्रवार रात आए भूकंप बाद के लगभग 159 झटके दर्ज किए गए हैं।
कई लोग फिर से भूकंप आने और मकानों को होने वाले संभावित नुकसान की आशंका से डरकर रातभर बाहर रहे। सोशल मीडिया पर साझा किए गए पोस्ट के मुताबिक, अंधेरे में लोगों को ढही हुई इमारतों के मलबे से लोगों को बाहर निकालते देखा गया।
अधिकारियों ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने शनिवार सुबह एक चिकित्सकीय दल के साथ घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने भूकंप के कारण हुई क्षति का आकलन करने के लिए जानकारी एकत्र की और मुख्य जिला अधिकारी के साथ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इसके बाद वह सात घायलों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ जाजरकोट से सुरखेत लौट आए।
अधिकारियों ने बताया कि नेपाल की सेना और पुलिस को बचाव कार्य में लगाया गया है। देश की तीनों सुरक्षा एजेंसियों- नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल को बचाव कार्य में लगाया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ने शुक्रवार रात को आए भूकंप में जान-माल का नुकसान होने पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने तत्काल राहत एवं बचाव के लिए तीनों सुरक्षा निकायों को तैनात किया है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान पर शनिवार को दुख व्यक्त किया और कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ एकजुटता से खड़ा है और उसे हर संभव मुहैया कराने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रचंड को टैग करते हुए लिखा, ‘‘नेपाल में भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान को लेकर बहुत दुखी हूं। भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए तैयार है। हम शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’
अधिकारियों ने बताया कि घायलों का सुरखेत जिला अस्पताल में इलाज जारी है। प्रधानमंत्री प्रचंड ने सुरक्षा एजेंसियों को बचाव और राहत कार्य तुरंत करने के निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने भूकंप में जान-माल का नुकसान होने पर दुख व्यक्त किया है। अधिकारियों ने बताया कि सड़कें अवरुद्ध होने और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्य बाधित हो गया है।
नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। दरअसल नेपाल उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती हैं जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं।