रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अब उनकी विरासत संभालेंगे। टाटा ट्रस्ट ने एक बैठक के दौरान नोएल टाटा को नया चेयरमैन बनाने का ऐलान किया है। निधन से पहले रतन टाटा ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे। अभी टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस है, लेकिन टाटा ट्रस्ट मैनेजमेंट के मामले में इससे भी ऊपर है।
फिलहाल, नोएल टाटा, सर दोराबजी के ट्रस्टी हैं। इसके साथ ही नोएल के कंधों पर अब टाटा समूह की जिम्मेदारी आ गई है। वे 100 देशों में फैले टाटा समूह के विशाल व्यापारिक साम्राज्य का नेतृत्व करेंगे, जिसकी कीमत 403 अरब डॉलर यानी 39 लाख करोड़ रुपये है।
बता दें कि टाटा ट्रस्ट असल में टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है। इसकी 13 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में सबसे अधिक 66 फीसदी की हिस्सेदारी है। टाटा ट्रस्ट के तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52 फीसदी स्टेक है।
गौरतलब है कि रतन टाटा के निधन के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएल टाटा से बात कर शोक व्यक्त किया था. नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। उन्हें ट्रस्ट के संचालन के लिए प्रमुख व्यक्तियों में से एक माना जा रहा था। रतन टाटा के बाद अब नोएल टाटा, ट्रस्ट की होल्डिंग कंपनियों का संचालन करेंगे। नोएल टाटा, रतन के पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के 67 वर्षीय बेटे हैं।