टोक्यो ओलंपिक 2020 के क्वार्टर फाइनल मैच में भले ही भारतीय बॉक्सर सतीश कुमार अपनी जगह नहीं बना पाए, लेकिन अपने जज्बे और निडरता वाले व्यवहार के कारण उन्होंने करोड़ों प्रशंसकों का दिल जीत लिया है। प्री क्वार्टर फाइनल मैच में हुई गंभीर चोट के बाद भी सतीश माथे और चेहरे पर कुल 7 टांके लगवाकर सिर्फ मैच में उतरे ही नहीं बल्कि डट कर रिंग में जालोलोव के पंचों का सामना भी किया। लेकिन, क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बॉक्सर बखोदिर जालौलोव से 5-0 से हार गए।
हार के बाद भी उनके फैंस सोशल मीडिया में उन्हें काफी समर्थन कर रहे हैं। ट्वीटर पर एक आईएसए यूजर लिखते हैं कि चट्टान की तरह सख्त! आखिरी लड़ाई में चोट लगने के कारण उन्होंने चेहरे पर कई टांके लगाकर रिंग में प्रवेश किया। फिर भी विश्व नंबर एक के खिलाफ एक चैंपियन की तरह लड़े। जीत या हार चैंपियन तय नहीं करती- इच्छा और दृढ़ संकल्प करते हैं।
इस हार के साथ ही सतीश का अभियान टोक्यो ओलंपिक में समाप्त हो गया है। इससे पहले मुकाबले में सतीश कुमार घायल हो गए थे। आज उनका रिंग पर खेलना भी असमंजस में लग रहा था। जमैका के रिकार्डो ब्राउन के विरुद्ध मुकाबले में सतीश की ठुड्डी और दाईं आंख पर गहरा कट लगा था। इसके बाद उन्हें 7 टांके लगाने पड़े हैं। सतीश ने इस मुकाबले में 4-1 से जीत दर्ज की थी। 7 टांके लगने के बाद भी आज वो मैदान पर उतरे। उन्होंने विश्व के नंबर एक मुक्केबाज के विरुद्ध सरेंडर नहीं किया। वो लगातार लड़ते रहे।