पूर्व पाकिस्तानी पेसर शोएब अख्तर ने फिर एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उनका मानना है कि पाक खिलाड़ी इमरान नजीर में वीरेंद्र सहवाग से कहीं ज्यादा टैलेंट था, लेकिन उन्होंने अपना दिमाग सही से इस्तेमाल नहीं किया। साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट प्रबंधन ने भी उनका साथ नहीं दिया।
44 साल के पेसर का कहना है कि पाकिस्तान क्रिकेट का इस खिलाड़ी को कोई सहयोग नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि इमरान नजीर के पास वो दिमाग नहीं था, जो सहवाग के पास था। और सहवाग के पास वह टैलेंट नहीं था, जो नजीर के पास था। टैलेंट को लेकर इन दोनों खिलाड़ियों के बीच कोई तुलना हो ही नहीं सकती।''
पाकिस्तान ने नजीर की प्रतिभा की कद्र नहीं की
शोएब अख्तर को लगता है कि पाकिस्तान ने नजीर की प्रतिभा की कद्र नहीं की। उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में कहा, ''जब भारत के खिलाफ नजीर ने विस्फोटक शतक जड़ा था, तब मैंने प्रबंधन से कहा था कि इमरान को लगातार खिलाएं, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी।''
आंकडे देते हैं कुछ और गवाही
नजीर ने पाकिस्तान के लिए सिर्फ 08 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 32.84 की औसत से 427 रन बनाए। उन्होंने 79 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 24.61 की औसत से 1895 रन बनाए। वहीं, 25 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 21.73 की औसत से 500 रन बनाए हैं। इमरान नजीर ने अपना डेब्यू मैच श्रीलंका के खिलाफ 1999 में खेला था। वही, उन्होंने अपना अंतिम मैच साल 2012 में खेला था।
सहवाग का रिकॉर्ड है शानदार
वहीं, दूसरी तरफ भारतीय धाकड़ ओपनर वीरेंद्र सहवाग नें 104 टेस्ट मैचों में 8586 और 251 वनडे मैचों में 8273 रन बनाए हैं। 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर अख्तर ने पाकिस्तान क्रिकेट मैनेजमेंट की आलोचना करते हुए कहा कि, प्रशासन ने उन खिलाड़ियों के टैलेंट का सही से इस्तेमाल नहीं किया, जो उसके पास थे। हमने इस प्रतिभाशली क्रिकेटर की कद्र नहीं की।
इमरान के पास बेहतरीन बैटिंग शॉट्स थे
उन्होंने कहा, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अपने टैलेंट की देखभाल करना नहीं जानते हैं। हमारे पास इमरान नजीर के रूप में वीरेंद्र सहवाग से बेहतर खिलाड़ी हो सकता था। उनके पास बेहतरीन बैटिंग शॉट्स थे। साथ ही वह एक शानदार फील्डर भी थे। हम उसका अच्छी तरह इस्तेमाल कर सकते थे, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके।''
नजीर के करिअर में जावेद मियांदाद ने अहम भूमिका निभाई
उन्होंने कहा कि नजीर के करिअर में पूर्व महान बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, ''जब भी इमरान नजीर अच्छा खेलता, तो यह जावेद मियांदाद की वजह से होता था। जब भी वह खराब शॉट खेलता तो जावेद भाई उसे संदेश भेजते थे कि वह फोकस रहे। वह ड्रेसिंग रूम से लगातार नजीर को अच्छा खेलने के लिए प्रेरित करते रहते थे।''
बता दें कि इमरान नजीर ने एशिया इलेवन और वर्ल्ड इलेवन के लिए दोहा में 6 अक्टूबर 2014 में अंतिम मैच खेला था। इसके बाद वह बुरी तरह से चोटिल हो गए थे, जिसके बाद क्रिकेट नहीं खेल पाए थे।