भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ने 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसी दिन से वे ट्विटर पर भी सक्रिय हो गए। ऐसी खबरें आईं कि उनके ट्विटर पर आने के एक घंटे के अंदर ही 30 लाख से ज्यादा लोगों ने उन्हें फॉलो कर लिया। इसे बढ़ा-चढ़ाकर प्रसारित किया जा रहा है जबकि सच्चाई कुछ और है।
आल्ट न्यूज की तरफ से इसकी पड़ताल करके कहा गया है कि ऐसा नहीं है।
यह ट्विटर का नियम है कि जब भी किसी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति या ट्विटर पर मौजूद किसी पदासीन व्यक्ति का पद बदलता है तो ट्विटर पुराने सारे डाटा को नए अकांउट में ट्रांसफर कर देता है। पुराने पदासीन व्यक्ति का डिजिटल इतिहास सुरक्षित रखने के लिए ऐसा किया जाता है।
नए राष्ट्रपति के मामले में यह प्रक्रिया रही-
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का ट्विटर हैंडल @POI13 प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया के नाम से था।
नया ट्विटर हैंडल @RashtrapatiBhvn के नाम से जीरो ट्वीट और पुराने सारे फॉलोवर्स के साथ शुरू हुआ। ये 30 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स प्रणब मुखर्जी के थे।
ट्विटर इंडिया की तरफ से इसे स्पष्ट भी किया गया-
President Mukherjee's official Tweets are now archived at @POI13, his personal account is @CitiznMukherjee.
— Twitter India (@TwitterIndia) July 25, 2017
ऐसा ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुआ था, जब उन्होंने @POTUS ट्विटर अकांउट पर शुरुआत की और उन्हें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के 1 करोड़ 50 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स मिल गए थे।
जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला था तब ट्विटर यह प्रक्रिया नहीं अपनाता था इसीलिए @PMOIndia हैंडल के लिए विवाद हुआ था, जो पहले मनमोहन सिंह के पास था। बाद में ट्विटर ने मनमोहन सिंह का डिजिटल इतिहास बनाए रखते हुए यह हैंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया था। तब से यह प्रक्रिया ट्विटर ने जारी रखी है।
बता दें कि भारत के राष्ट्रपति का ट्विटर अकांउट प्रणब मुखर्जी ने ही 2014 में शुरू करवाया था।