सूत्रों के मुताबिक इस काम में एक नामी कंपनी के अलावा पत्रकार और कई अन्य शामिल थे। दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि आखिर मामला क्या है। लेकिन एक बात साफ है कि कोई बड़ा समूह इसके पीछे है लेकिन साफ तौर पर अभी नाम किसी का नहीं आया है। पुलिस आयुक्त के मुताबिक फोटोकाॅपी करके इन दस्तावेजों को धन के एवज में लीक किया गया था। जांचकर्ता जल्दी ही दस्तावेज पाने वालों को गिरफ्तार करेंगे।
आयुक्त के मुताबिक गोपनीय दस्तावेजों को कुछ स्वतंत्र सलाहकारों और उर्जा कंपनियों को लीक किया गया है और उनमें से कुछ से पूछताछ की जा रही है।
गोपनीय दस्तावेज पेट्रोलियम कंपनियों को लीक किए जाने के बारे में पेट्रोलियम मंत्राी धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि निजी कंपनियों को कथित रूप से दस्तावेज लीक करने वाले मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रधान ने कहा कि उनके साथ कड़ाई से पेश आएंगे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। दोषियों के खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। सरकार उनके साथ कठोरता से पेश आएगी।
यह पूछने पर कि क्या इसमें काॅरपोरेट लाॅबी शामिल है, पेटोलियम मंत्री ने कहा कि इसकी जांच पुलिस को करनी है। उन्होंने कहा, सरकार सतर्क है। एजेंसियां जांच कर रही हैं। वे तथ्यों का पता लगाएंगी। पुलिस आयुक्त के मुताबिकएक व्यक्ति फर्जी पहचान पत्र का उपयोग कर शास्त्राी भवन में प्रवेश करता था। जिस आधार पर संदेह हुआ और पुलिस ने कार्रवाई की तब पता चला कि कुछ कंपनियों के लोग इसमें शामिल हैं। पुलिस आयुक्त के मुताबिक चोरी की संपत्ति पाने वाले सभी लोगों से पूछताछ की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी। यदि दस्तावेज सरकारी गोपनीयता कानून के तहत आते हैं तो संबंधित धाराएं लगायी जाएंगी। उधर रिलायंस इंडस्ट्रीज के कर्मचारी का नाम आने के बाद कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अगर कोई कर्मचारी शामिल है तो उसकी आंतरिक जांच की जाएगी। अगर सही पाया गया तो जांच में सहयोग किया जाएगा।
इस तरह के खुलासे के बाद पुलिस जांच करने में जुट गई है कि किसने सरकारी दस्तावेज को चोरी किया और क्यों किया। सूत्रों के मुताबिक इस काम में एक पत्रकार सहित कई हाई प्रोफाइल लोग शामिल है जिसकी जांच की जा रही है।
किसने और क्यों किया दस्तावेज चोरी
पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कर्मचारियों सहित पांच लोगों को कथित रूप से गोपनीय सरकारी दस्तावेज को कुछ निजी सलाहकारों और उर्जा कंपनियों को लीक करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि किसने और क्यों यह दस्तावेज चोरी किया है।
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