बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ‘न्याय’ की मांग करते हुए कहा कि हाल के ‘‘आतंकवादी कृत्यों’’, हत्याओं और तोड़फोड़ में शामिल लोगों की जांच कर उनकी पहचान की जानी चाहिए तथा उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में हसीना (76) ने कहा कि आंदोलन के नाम पर बांग्लादेश में जुलाई से जारी हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई है।
अमेरिका में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे साजिब वाजेद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने हैंडल पर मां का बयान पोस्ट किया जो बांग्ला भाषा में है।
बयान में हसीना ने कहा, ‘‘मैं छात्रों, शिक्षकों, पुलिस कर्मियों, गर्भवती महिलाओं, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, आम लोगों और कई प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों की मौत पर दुख व्यक्त करती हूं।’
हसीना ने कहा, ‘मैं अपने जैसे उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखती हूं, जो अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं इन हत्याओं और आतंकवादी कृत्यों में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए उचित जांच और उन्हें उचित सजा देने की मांग करती हूं।’
अंतरिम सरकार ने देश के संस्थापक और हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के कारण 15 अगस्त को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय अवकाश मंगलवार को रद्द कर दिया।
अपने बयान में हसीना ने हिंसा के दौरान बंगबंधु संग्रहालय को जला दिए जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ‘हमारे पास जो स्मृति और प्रेरणा थी, वह जलकर राख हो गई।’ उन्होंने कहा, ‘यह किसी ऐसे व्यक्ति का घोर अपमान है…जिसके नेतृत्व में हम एक स्वतंत्र राष्ट्र बने। मैं इस कृत्य के लिए देशवासियों से न्याय की मांग करती हूं।’
हसीना ने बांग्लादेशियों से इस दिन को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने, बंगबंधु स्मारक संग्रहालय परिसर में पुष्पांजलि अर्पित करने और प्रार्थना करने का आग्रह किया। हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के तुरंत बाद गुस्साई भीड़ ने संग्रहालय को आग लगा दी थी।