भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को जर्मनी ने मंजूरी दे दी है। पिछले लंबे समय से इस मंजूरी का इंतजार किया जा रहा था। अब इस खबर के बाद उन तमाम लोगों को बड़ी राहत मिली है, जो जर्मनी की यात्रा करने की तैयारी में हैं। यात्रा करने वाले भारतीयों को अब 1 जून से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं होगी। कोवैक्सीन को ये मंजूरी ट्रैवल के लिए दी गई है। भारत में जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने गुरुवार को 1 जून से जर्मनी की यात्रा करने के लिए भारत बायोटेक की कोविड वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को मान्यता देने के लिए जर्मन सरकार की सराहना की।
जर्मनी और भूटान में राजदूत लिंडनर ने ट्विटर पर लिखा, मैं बहुत खुश हूं कि जर्मनी की सरकार ने 1 जून से जर्मनी की यात्रा के लिए डब्ल्यूएचओ की तरफ से सूचीबद्ध की गई कोवैक्सीन को मान्यता देने का फैसला किया है! यह दूतावास इस तरह के निर्णय के लिए बहुत सक्रिय रूप से जोर दे रहा है (क्योंकि कोविड की वजह से बैकलॉग वीज़ा अनुभागों में सामान्य से अधिक प्रतीक्षा अवधि होती है, कृपया धैर्य रखें)।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले साल नवंबर में कोवैक्सीन के लिए एक आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) जारी की थी, जिसमें SARS-CoV-2 के कारण होने वाले कोविड-19 की रोकथाम के लिए मान्य टीकों के बढ़ते पोर्टफोलियो को जोड़ा गया।
वहीं, इससे पहले अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने भारत बायोटेक के कोविड-19 वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के तीन में से दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल पर लगाई गई रोक हटा ली है। अमेरिका और कनाडा में इस वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक के साझेदार ओकुजेन इंक की तरफ से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई थी। बयान में कहा गया था, ‘‘हम काफी खुश हैं कि हम कोवैक्सीन के लिए अपने क्लिनिकल ट्रायल पर आगे बढ़ सकते हैं। हमारा मानना है कि एक अतिरिक्त, अलग तरह का टीका उपलब्ध कराने की जरूरत प्राथमिकता बनी हुई है।
बता दें कि जिस भी वैक्सीन को कोई देश मंजूरी नहीं देता है, उसे लगाने वाले यात्रियों को कई नियमों का पालन करना होता है, जिसमें कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, कोरोना टेस्ट, क्वारंटीन जैसे नियम शामिल हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कोवैक्सीन लेने वाले लोगों को भी जर्मनी में ऐसी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब मंजूरी के बाद लोगों के लिए ये एक बड़ी राहत है।