पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को बड़ी राहत देते हुए आतंकवाद रोधी अदालत ने मार्च में यहां न्यायिक परिसर में हुई हिंसा से जुड़े आठ मामलों में उन्हें आठ जून तक जमानत दे दी है।
खान (70) के खिलाफ ये मामले इस्लामाबाद के विभिन्न पुलिस थानों में तब दर्ज किए गए थे जब पुलिस और उनके समर्थकों के बीच झड़प हो गयी थी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख के 18 मार्च को न्यायिक परिसर में एक अदालत के समक्ष पेश होने के दौरान ये झड़पें हुई थी। ये झड़पें तब हुई थीं जब खान तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई में शामिल होने आए थे।
खान मंगलवार को न्यायिक परिसर में आतंकवाद रोधी अदालत के समक्ष पेश होने के लिए लाहौर से राजधानी इस्लामाबाद आए। खान की पार्टी ने एक संदेश में बताया कि वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उन्हें आठ मामलों में आठ जून तक जमानत दे दी है।
वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना, कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है। तोशाखाना में पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संग्रहित किया जाता है।
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने विदेशी गणमान्य लोगों से मिले तोहफों की बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण पिछले साल अक्टूबर में खान के खिलाफ तोशाखाना मामला दायर किया था।
इस बीच, इस्लामाबाद में एक जवाबदेही अदालत ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पीटीआई प्रमुख की पत्नी बुशरा बीबी को गिरफ्तार करने से रोक दिया है तथा उन्हें अंतरिम जमानत दी है।
अल-कादिर ट्रस्ट मामले में ही इमरान खान को नौ मई को गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को एनएबी के समक्ष पेश होने के अपने फैसले की घोषणा से कुछ घंटे पहले खान ने कहा कि उन्हें फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है तथा उन्होंने अपने समर्थकों से शांत रहने की अपील की।