देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस और ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में फ्रंटलाइन वर्कर और बुजुर्गों को प्रीकॉशन डोज लगाई जा रही है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने दावा किया कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज ओमिक्रोन और डेल्टा के दोनों रूपों को बेअसर करने के लिए प्रभावी है। कंपनी ने बूस्टर पर जारी शोध के शुरुआती नतीजे आने के बाद यह दावा किया है।
बता दें कि स्वदेशी वैक्सीन की बूस्टर खुराक को कोवैक्सीन (बीबीवी152) के नाम से जाना जाता है, जो कि ओमिक्रॉन (बी.1.529) और डेल्टा (बी.1.617.2) दोनों के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती है।
परीक्षण के दौरान 100% नमूनों ने डेल्टा वैरिएंच को निष्प्रभावी कर दिखाया। वहीं, ओमिक्रॉन के 90% से अधिक नमूनों के खिलाफ भी यह असरदार साबित हुई। भारत बायोटेक द्वारा जारी आंकड़ों से इस बात के सबूत मिलते हैं।
गौरतलब है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन से ही 15 से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण किया जा रहा है। यह एक रेडी-टू-यूज, लिक्विड वैक्सीन है, जिसे 2 - 8°C पर स्टोर किया जाता है। हाल ही में भारत बायोटेक ने कहा था कि दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन में उसकी कोवैक्सिन दो से 18 वर्ष आयुवर्ग में सुरक्षित, अच्छी तरह सहन करने योग्य और इम्युनिटी बढ़ाने वाली पाई गई है। भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा इल्ला की मानें तो बच्चों और किशोरों पर कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के डाटा बेहद उत्साहजनक हैं।