Advertisement

डॉक्टर की डायरी: आखिर हम कब तक सुरक्षित हैं?

जिला अस्पताल में डॉक्टर काम करते हुए लगातार बेचैनी और भय का एहसास रहता है। इसके साथ हर दिन एक उम्मीद भी...
डॉक्टर की डायरी: आखिर हम कब तक सुरक्षित हैं?

जिला अस्पताल में डॉक्टर काम करते हुए लगातार बेचैनी और भय का एहसास रहता है। इसके साथ हर दिन एक उम्मीद भी रहती है। जैसे-जैसे कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई), मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर कम पड़ते जा रहे हैं। ऐसे में हमारी चिंता यह है कि हम कब तक सुरक्षित हैं। ओपीडी में मरीज लगातार आते रहते हैं। हमारे पास यह सोचने का वक्त नहीं होता कि हमारे करीब बैठा बच्चा या वयस्क जिसे खांसी और बुखार है, वह कोरोनावायरस से संक्रमित है या नहीं। आखिर गिने-चुने सर्जिकल या कपड़े के मास्क कितने सुरक्षित हैं, जिन्हें धोकर रोजाना दोबारा इस्तेमाल करना पड़ता है।

हर दिन हमारी रैपिड रेस्पांस टीम मोहल्लों, झुग्गी बस्तियों और पॉश कॉलोनियों से लौटती है। वह वहां क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोगों की जांच करते हैं। उनके पास न खाना होता है ना पानी। बाथरूम जाने की भी इजाजत नहीं होती है। ड्यूटी के बाद करीब 1 घंटे तक खुद को सैनिटाइज करने के बाद जब हम अपने घर जाते हैं तो हमें लगता है कि कहीं हम खुद तो आपने परिजनों की सेहत के सबसे बड़े दुश्मन तो नहीं। इसके बाद ढेर सारे घरेलू काम होते हैं। खाना बनाना होता है, सफाई करनी पड़ती है, बर्तन धोने पड़ते हैं, बच्चों को देखना पड़ता है। अभी तक वेतन भी नहीं मिला तो ऐसे में घर खर्च कैसे चलेगा, यह चिंता भी रहती है।

चिकित्सा कर्मी चाहे महिला हो या पुरुष, बीमारी और मौत का सामना रोज करते हैं। साथियों की हौसला अफजाई ही हमें मजबूत बनाए रखती है। हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में रोजाना पॉजिटिव मरीजों और मरने वालों की संख्या आती है। इसके साथ हमारे एसएमओ का संदेश भी होता है। अस्पताल के साइकेट्रिस्ट भी बताते हैं कि हमें अपना तनाव कैसे कम करना चाहिए। अपने ध्येय को याद करते और प्रार्थना करते हुए, निष्ठा के साथ हम अगले दिन फिर अपने काम में जुट जाते हैं, यह सोचते हुए कि इस संकट का जल्दी ही अंत हो जाएगा।

(लेखिका मोहाली जिला अस्पताल में बाल चिकित्सक हैं)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad