बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) की वजह से हो रही मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब तक मुजफ्फरपुर में 129 बच्चों की मौत हो चुकी है। अकेले श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल(एसकेएमसीएच) में अब तक 109 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीच कार्यस्थल पर लापरवाही के आरोप में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भीमसेन कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
शनिवार-रविवार की रात में सरकार द्वारा संचालित श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में एक और मौत के साथ, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण मरने वालों की संख्या मुजफ्फरपुर जिले में 129 तक हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एसकेएमसीएच में मौत का आंकड़ा 109 हो गया है जबकि जिले के केजरीवाल अस्पताल में 20 बच्चों की मौत हो गई है।
डॉक्टर निलंबित
बिहार सरकार ने श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भीमसेन कुमार को निंलबित कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि तैनाती के बाद भी बच्चों की मौत के मामले सामने आए और हालात पर काबू नहीं पाया जा सका। बिहार से स्वास्थ्य विभाग ने पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ भीमसेन कुमार को 19 जून को एसकेएमसीएच में तैनात किया था। उनकी तैनाती के बाद भी अस्पताल में बच्चों की मौतों का सिलसिला नहीं रुका। बच्चों की मौत होती रही।
90 मरीजों का इलाज जारी
एसकेएमसीएच में 84 तो केजरीवाल अस्पताल 6 मरीजों का इलाज अभी भी जारी है। 1 जून से 592 मरीजों को भर्ती किया गया था, जिनमें से 298 को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एईएस के कारण मरने वाले बच्चों के परिवारों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने रोग की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और डॉक्टरों को आवश्यक उपाय करने के निर्देश भी दिए हैं।
इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए टीम गठित करने संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों का दल गठित करने का निर्देश केंद्र सरकार को देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भरी। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता द्वारा मामले को जल्दी सूचीबद्ध करने का अनुरोध करने पर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने की बात कही।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि न्यायालय केंद्र को निर्देश दे कि वह इस महामारी से जूझ रहे बच्चों के प्रभावी इलाज के लिए सभी उपकरण और अन्य सहायता उपलब्ध कराए। वकील मनोहर प्रताप ने अपनी यचिका में दावा किया है कि वह बीते हफ्ते दिमागी बुखार के कारण से हुई 126 से ज़्यादा बच्चों की मौत से व्यथित हैं।