शहरों की दौड़भाग भरी जिंदगी में लोगों के पास किसी भी तरह का अचार बनाने का वक्त नहीं रहता है इसलिए धीरे-धीरे अचार की विधियां लोग भूलने भी लगे हैं। हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे अचार की विधि जिसकी सामग्री आपको सालों भर अपने घर के पास आसानी से उपलब्ध होगी और इसे बनाने में ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी होगी। बिहार के मिथिलांचल में लोकप्रिय इस अचार को लोग ‘बराबर के अचार’ के नाम से जानते हैं। इस अचार का ऐसा नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें जो सामग्रियां डलती हैं वह बराबर मात्रा में डलती हैं।
सामग्री
लहसन 250 ग्राम
मिर्च 250 ग्राम
अदरक 250 गाम
जिमीकंद 300 ग्राम
अमचूर पाउडर 200 ग्राम
नमक स्वादानुसार
सरसों तेल एक लीटर
विधि
मिर्च का डंठल हटाकर उसे धो के उसका पानी अच्छी तरह निकाल लें। अदरक और जिमीकंद को भी छिलका हटाकर अच्छी तरह साफ कर लें। इनका पानी भी अच्छे से निकाल दें। लहसन की हर कली का छिलका उतारना मुश्किल है इसलिए उसकी गांठों से छिलका हटा दें, कलियों में अगर रह भी जाए तो कोई बात नहीं। अब अदरक और जिमिकंद को मोटा-मोटा कद्दूकस कर लें जबकि मिर्च और लहसन को मिक्सी में दरदरा कर लें। इन सभी को एक बड़े बर्तन में किसी बड़े चम्मच की सहायता से मिला लें। इसके बाद इस मिश्रण में पूरा अमचूर मिला दें। फिर स्वाद के अनुसार नमक डालें। इसके बाद इस मिश्रण में करीब आधा लीटर सरसों तेल डालकर अच्छी तरह मिलाएं। थोड़ी देर में पूरा तेल इस मिश्रण में समा जाएगा। थोड़ी देर के बाद या एक दिन के बाद इस मिश्रण में आधा लीटर सरसों तेल और मिला दें। इस अचार को आप दो दिन के बाद खाना शुरू कर सकते हैं।
नोटः
- ध्यान रखें कि अचार में नमक थोड़ा तेज ही अच्छा लगता है। वैसे भी सारी सामग्रियां चूंकि कच्ची इस्तेमाल होती है इसलिए नमक उन्हें जल्द गलाने में मदद करता है।
अगर अचार को तुरंत इस्तेमाल करने की इच्छा हो तो कद्दूकस किए गए जिमीकंद को तेल में भूनने के बाद इस मिश्रण में मिलाएं क्योंकि कच्चा जिमीकंद तत्काल नहीं खाया जा सकता।