अनुसंधानकर्ताओं ने कई प्रकार के इंटरेक्टिव मीडिया की समीक्षा की और शैक्षणिक उपकरणों के तौर पर उनके इस्तेमाल और विकास पर उनकी संभावित नकारात्मक भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि मोबाइल उपकरण का इस्तेमाल बच्चों को शैक्षणिक लाभ दे सकता है लेकिन यदि उन्हें शांत करने के लिए इनका मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाए तो यह बच्चों के सामाजिक-भावनात्मक विकास के लिए हानिकारक हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘ यदि एक उपकरण छोटे बच्चों को शांत करने और उनका ध्यान भटकाने के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल किए जाने लगे तो क्या वे :बच्चे: आत्म नियमन के अपने आंतरिक तंत्र को विकसित कर पाएंगे?’
बोस्टन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के जेनी रादेस्की ने कहा, ‘ इस बात पर काफी अध्ययन हो चुका है कि टेलीविजन देखने का समय बढा़ने से बच्चे की भाषाई एवं सामाजिक कुशलता में कमी आती है। इसी तरह मोबाइल मीडिया के इस्तेमाल से भी मानव-मानव की प्रत्यक्ष बातचीत के समय में कमी आती है।’ बच्चे सिर्फ उपकरणों से ही बात करेंगे या उनके साथ ही खेलेंगे तो उनका सर्वांगिक विकास नहीं होगा। वे सामाजकि विकास में पिछड़ जाएंगे।
यह अनुसंधान पीडियाट्रिक्स पत्रिका में छपा था।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
			 
                     
                    